Article 370 : महबूबा मुफ्ती ने कहा – ‘भारतीय लोकतंत्र के लिए आज काला दिन है’

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Article 370 : अब जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्छेद 370 हटा दिया गया है| इस ऐतिहासिक फैसले के बाद इसपर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई है| वहीं अब इसे लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि, आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के काला दिन है। इसी एक साथ कहा, ‘केंद्र सरकार के इस फैसले का उपमहाद्वीप में भयावह परिणाम होंगे। कश्मीर पर भारत अपने वादों को निभाने में विफल हो चुका है। आज भारतीय लोकतंत्र में सबसे काला दिन है। भारत सरकार की अनुच्छेद 370 को रद्द करने का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है। इससे जम्मू-कश्मीर में भारत संचालन बल बन जाएगा।’

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भाजपा ने ट्वीट किया ‘ संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे: गृह मंत्री श्री अमित शाह।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा ‘मैं सही साबित हुआ। अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए हमें संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अमित शाह ने संसद को एक प्रस्ताव के माध्यम से सूचित किया।अनुच्छेद 370 आज खत्म हो गया।’

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा ‘ यह एक अस्थायी और क्षणिक प्रावधान था, जिसे स्थायी नहीं माना जा सकता। इसे जाना ही था अलग स्टेटस के कारण अलगाववाद को बढ़ावा मिला। कोई भी गतिशील राष्ट्र इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकता है। ऐतिहासिक गलती को आज सुधारा गया। अनुच्छेद 35A भारत को संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत प्रक्रिया का पालन किए बगैर लागू किया गया था। इसे जाना था। एक ऐतिहासिक गड़बड़ी को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ उनकी शुभकामनाएं।

वसुंधरा राजे ने कहा ‘ अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35A को खत्म करने में 65 साल लगे, लेकिन आज इस ऐतिहासिक गलती को सुधार लिया गया। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को घाटी के लोगों के आजादी और पहचान दिलाने के लिए धन्यवाद।  

योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा ‘अखंड भारत की जय हो…. तेरा वैभव अमर रहे मां………हम दिन चार रहे ना रहे…….।’

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा ‘ जम्मू कश्मीर पर सरकार के फैसले का हम समर्थन करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस फैसले राज्य में शांति और विकास होगा। पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा ‘मुझे नहीं लगता कि यहां कोई ऐतिहासिक कदम है। यह एक राजनीतिक निर्णय है और यह फैसला सही नहीं है।’

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