मनुष्य अपने जीवन को लेकर हमेशा परेशान रहता है, इसलिए आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन के कल्याण के लिए कई नीतियों के बारे में बताया हैं| जिससे व्यक्ति अपने जीवन के किसी भी मोड़ पर इस्तेमाल कर सकता हैं। उनके द्वारा बताई गई नीतियां आज के समय में सामाजिक, आर्थिक और राजनीति पर पूरी तरह से फिट बैठती हैं। इसलिए आज के समय में लोग चाणक्य नीति पुस्तक को पढ़ना काफी पसंद करते है| आप भी चाणक्य नीति के मुताबिक, व्यापार, नौकरी और शादी करने से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दें|
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समाने शोभते प्रीती राज्ञि सेवा च शोभते।
वाणिज्यं व्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे॥
इस नीति के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने समझाया है कि, मित्रता हमेशा बराबर के लोगों में अच्छी होती है। जो न आपसे आगे हो और न ही पीछे, क्योंकि उसमें समानता नहीं हो पाएगी। जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं आएंगी। सच्चा मित्र मिलना ईश्वर का वरदान और सौभाग्य होता है। जो हर परिस्थिति में साथ देता है।”
चाणक्य ने कहा है कि, जो राजा मन से उदार हो उसी के यहां नौकरी करना उचित होता है। कहने का तात्पर्य यह है कि जिसके यहां आप नौकरी करें, सबसे पहले वहां के मालिक के स्वभाव के बारे में जान लें। अगर मालिक का स्वभाव अच्छा होगा, तो शान्ति के साथ आप अपने नौकरी पाएंगे| अन्यथा आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है|
चाणक्य ने बताया है कि, व्यापार में उन्ही को लाभ होता है, जो व्यवहार कुशल हों। उनको पता हो कि कब, कौन सा कदम व्यापार के लिए सही साबित होगा। उसको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना आता हो, क्योंकि वाणी उसको फायदा और नुकसान दोनों करवा सकती है | अगर आप ग्राहक के साथ अच्छे से व्यवहार करेंगे तभी वह दोबारा आपके पास वापस आएगा अन्यथा नहीं|
चाणक्य ने अपनी इस नीति के आखिर में कहा है कि, “घर उसी का सुंदर और आनंददायक होता है, जिनके घर में कुशल और सौंदर्य का ध्यान रखने वाली स्त्री निवास करती हो। स्त्री घर को स्वर्ग और नरक दोनों में बदल सकती है। स्त्री पुरुषों से ज्यादा समझदार और बुद्धिमान होती हैं। घर में सुख-शांति का वास चाहिए तो हमेशा एक-दूसरे को सम्मान देना चाहिए।”
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