सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो आज अयोध्या विवाद के लिए सर्वमान्य समाधान के लिए फैसला दिया गया है इसमें तीन सदस्यों का एक पैनल गठित किया है। इस पर ओवैसी ने श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ के तौर पर नियुक्त किए जाने पर सवाल खड़े किए तथा आपत्ति जताई है।
ओवैसी का कहना है कि SC ने किसी न्यूट्रल व्यक्ति को मध्यस्थ बनाया होता तो बेहतर होता। साथ ही उन्होंने कहा, ‘श्री श्री का 4 नवंबर 2018 का ऑन रिकॉर्ड स्टेटमेट हैं, जिसमें वह सीरिया बनने की मुसलमानों को धमकी दे रहे हैं।’ इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ बना दिया है तो उन्हें न्यूट्रल रहना होगा।
मध्यस्थता देश के हित में: श्री श्री
बुधवार को श्री श्री रविशंकर ने प्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद कहा था कि हमें अपने अहंकार और मतभेदों को अलग रखकर इस विषय से संबंधित सभी दलों की भावनाओं का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
पैनल के चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस एफएम कलीफुल्ला ने भी प्रतिक्रिया दी है और कहा, ‘ SC ने मेरी अगुआई में एक मध्यस्थ समिति का गठन किया है। मुझे अभी ऑर्डर की कॉपी नहीं मिली है। मैं यहीं कह सकता हूं कि अगर समिति गठित की गई है तो हम इस मसले को मैत्रीपूर्ण तरीके से सुलझाने की हरसंभव कोशिश करेंगे।’