1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान तीन सिखों की हत्या के एक केस में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है | उम्रकैद की सजा पाकर भी सज्जन ने एक महीने बाहर रहने का समय मांगा था | दिल्ली हाईकोर्ट में इसके लिए उन्होंने याचिका भी दायर की थी जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने इस याचिका को ठुकरा दिया |
कोर्ट के याचिका खारिज कर दी है अब तो 31 दिसंबर से पहले ही सज्जन कुमार को जेल का रास्ता देखना पड़ेगा | सज्जन कुमार ने याचिका में कहा था कि उन्हें पारिवारिक व संपत्ति से जुड़े मुद्दे सुलझाने के लिए 1 महीने का समय चाहिए यह याचिका अधिवक्ता अनिल शर्मा जो कि इस मामले की पैरवी कर रहे थे इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने कुमार पर सिख दंगों के दौरान हत्या, वैमनस्य फैलाने, आगजनी, धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोपी घोषित किया है | जिसके कारण इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
1984 सुल्तानपुरी सिख दंगा मामले में बृहस्पतिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनावाई होनी लेकिन आवेदन दायर कर सज्जन कुमार के वकील ने जानकारी दी है कि उनका स्वास्थ्य खराब है जिसके कारण से वह अदालत में पेश नहीं हो सकते। इस बात पर गौर करते हुए कोर्ट ने यही सुनवाई की तारीख 22 जनवरी बढ़ाकर कर दी है | सज्जन के खिलाफ गवाही देने के लिए बुजुर्ग और चाम कौर शामिल हैं |