आपने तो अपने मन विचार कर चुके होंगे, कि देश का प्रधानमंत्री कौन बने और देश का कैसा प्रधानमंत्री होना चाहिए| आइये अब जानते हैं, कि इस मामले में विदुर की नीति क्या कहती हैं ? हिन्दू धर्म ग्रंथों में मनुष्य के कार्य, व्यवहार का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है, इसके अलावा इसमें राजा और प्रजा के कर्तव्यों का भी पूरा वर्णन किया गया है|
जानकारी देते हुए बता दें, कि महाभारत काल में राजा धृतराष्ट्र ने अपना एक बहुत ही ख़ास और विद्वान मंत्री विदुर को रखे थे जो विदुर नीति नामक अपने ग्रन्थ में एक राजा के गुण, स्वभाव और उसके कर्तव्यों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया है, कि कैसा राजा प्रजा के लिए अच्छा कहलाता है, और यदि राजा का स्वभाव बुरा होता है ,तो सरकार गिरते देर नहीं लगती|
यः प्रमाणं न जानति स्थाने वृद्धौ तथा क्षये.
कोशे जनपदे दण्ड न स राज्येवतिष्ठे.
सरकार के बारे में नीति की बात बताते हुए महात्मा विदुर ने कहा, कि जिस देश की सरकार को अपनी प्रजा (लोगों), उनके हालात , परेशानियों और समस्याओं के बारे में कुछ भी मालूम नहीं होता है| ऐसी सरकार तुरंत ही गिर जाती है| उसे शासन योग सरकार कभी भी नहीं माना जा सकता| देश पर शासन करने के लिए सरकार को उनके बारे में हर तरह की जानकारी होनी चाहिए |
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