एनसीईआरटी के निदेशक ऋषिकेश सेनापति है| इन्होंने जानकारी दी है, कि नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की समीक्षा पर विचार किया जा रहा है| सरकार की स्वीकृति के बाद इस पर बड़ा बदलाव आपको देखने को मिल सकता है| यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट द्वारा दी गयी है|
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ऋषिकेश जी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में प्रकाशित पिछले एनसीएफ की समीक्षा का प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया गया है| इसके लिए एक समिति का गठन किया जायेगा, स्कूल सिलेबस को बनाने और पाठ्य पुस्तकों के लेखन का कार्य एनसीएफ के द्वारा किया जाता है|
इससे पूर्व 1975, 1988, 2000 और 2005 में एनसीएफ को जारी किया गया था| जिसके बाद शिक्षा का केंद्र बिंदु छात्र को कर दिया गया था| इसके बाद एनसीईआरटी निदेशक ने कहा, ‘हमने पाठ्यपुस्तकों के युक्तिकरण पर जो काम किया है, वह 2005 NCF की समीक्षा का आधार बनेगा। समाज में बदलाव की जरूरत है और हमारा फोकस ‘एक्सपेरिमेंटल लर्निंग’ पर है।’ इसके बाद उन्होंने कहा कि “छात्रों, अभिभावकों और बुद्धिजीवियों की ओर से करीब 1 लाख सुझाव इस पर दिए गए जिनका बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा। यह करीब एक साल की लंबी प्रक्रिया होगी। “
इस नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की समीक्षा में दिसंबर 2019 तक एनसीईआरटी 42 लाख सरकारी एलीमेंट्री स्कूल के टीचर्स के लिए बड़े ट्रेनिंग प्रोग्राम पर भी विचार कर रहा है |
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