सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड अर्थात बीएसएनएल में आज से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्कीम (वीआरएस) लागू होगी, जो अगले 30 दिन तक मान्य होगी । वित्तीय संकट बढ़ जानें के कारण कंपनी नें 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को रिटायर करने की योजना बनाई है। बीएसएनएल की हालत इतनी खराब है, कि वह अपने कर्मचारियों को अक्टूबर माह का वेतन तक नहीं दे पाई है।
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भारत सरकार नें पिछले सप्ताह ही दूरसंचार क्षेत्र की घाटे से जूझ रहीं दोनो पीएसयू- बीएसएनएल और एमटीएनएल के आपस में विलय के साथ इनके कर्मचारियों की संख्या आधी करने के लिए उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का लाभ देने का फैसला किया था। इसके तहत बीएसएनएल और एमटीएनएल के 1.59 लाख कर्मचारियों में से 50 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 80 हजार कर्मियों को वीआरएस देने की तैयारी है। बता दें कि बीएसएनएल की 75 फीसद आमदनी कर्मचारियों के वेतन पर खर्च हो जाती है, जबकि इसकी वार्षिक आय लगभग 19000 करोड़ रुपये है।
कर्मचारियों को वेतन देने में लगभग 14000 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। इसी कारण इसका घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2017-18 में उसे 7993 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो 2018-19 में बढ़कर 14200 करोड़ रुपये हो गया। वीआरएस के अंतर्गत कर्मचारियों को दो किश्तों में एकमुश्त राशि दी जाएगी। ये राशि उनके बाकी सेवाकाल में देय कुल वेतन के सवा गुना के बराबर होगी। इसका भुगतान 2019-20 और 2020-21 के दौरान दो बार में होगा।
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