Fake TRP कांड | जानिए क्या होती है टीआरपी

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लखनऊ, ऑनलाइन डेस्क | टीआरपी यानी की टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (Television Rating Point) का मतलब एक ऐसी माप यूनिट से है जिससे यह पता लगाया जाता है कि देश में लोग कौन सा चैनल सबसे ज्यादा देख रहे है| हाल ही में मुंबई पुलिस द्वारा एक ऐसा ही केस उजागर किया गया जिसमे फेक रिपब्लिक टीवी चैनल द्वारा TRP जुटाने का मामला सामने आया है| आइये जानते है क्या होता है टीआरपी और व्यूरशिप|

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टीवी चैनल की TRP क्या होती है

टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (Television Rating Point) को आप मापक के रूप में प्रयोग किया जाता है जिससे यह पता चलता है कि देश में कौन सा कार्येक्रम, चैनल किस चैनल पर और किस समय सबसे अधिक देखा जाता है| मनरोंजन और न्यूज़ चैनल के लिए टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (Television Rating Point) की गणना की जाती है|

इसके माध्यम एडवरटाइजिंग देने वाली कंपनी आसानी से पता लगा सकती है किस समय लोग सबसे ज्यादा टीवी देखते है और कौन से मूड में होंगे| इसी आधार पर चैनल विज्ञापन का चार्ज तय करते है|

टीआरपी की गिनती कैसे होती है?

टेलीविजन रेटिंग पॉइंट के गणना के लिए पीपलस मीटर (People’s Meter) नामक यंत्र का प्रयोग किया जाता है| पूरे देश 30 हज़ार तक  पीपलस मीटर (People’s Meter) लगे हुए है| ये प्रति मिनट के हिसाब से डाटा Monitoring Team INTAM यानी Indian Television Audience Measurement तक पहुचाते है|

इसी डाटा के आधार पर तय किया जाता है कि किस कार्येक्रम की TRP सबसे ज्यादा है| यह वीकली रिपोर्ट में उपलब्ध होती है|

टीआरपी के कम या ज्यादा होने से क्या होता है?

टेलीविजन रेटिंग पॉइंट के कम होने उस चैनल के इनकम पर काफी असर पड़ता है| चैनल के लिए टेलीविजन रेटिंग पॉइंट बहुत ही महत्वपूर्ण है और चैनल इसे बढ़ाने के लिए रोचक तरह के कार्येक्रम लेकर आते है| चैनल की TRP कम होने से उसे विज्ञापन के रूप में कम रूपये प्राप्त होंगे और वही TRP ज्यादा होने पर उसे विज्ञापन के पैसे ज्यादा मिलेंगे| तो इस प्रकार TRP का संबंध उस चैनल की आय से है|

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