World Post Day 2019: आज 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस मनाया जाता है| जानकारी देते हुए बता दें कि, आजादी के समय पूरे देश में केवल 23,344 डाक घर थे| इनमें से 19,184 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों में और 4,160 शहरी क्षेत्रों में बने हुए थे| इसके बाद देश- भर में 31 मार्च, 2008 तक 1,55,035 डाक घर हो गए थे, जिनमें से 1,39,173 डाक घर ग्रामीण क्षेत्रों और 15,862 शहरी क्षेत्रों में थे| वहीं, पोस्टल नेटवर्क में इस सात गुने विकास के परिणामस्वरूप आज 9 अक्टूबर को भारत में विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क मनाया जा रहा है| आप भी जानिये देश में डाक व्यवस्था की शुरुआत कब हुई थी|
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बता दें कि, डाक घरों के शुरू हो जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों काफी सुविधा मिली है| वहीं, अपने देश में एक डाक घर 21.20 वर्ग किमी क्षेत्र और 7174 लोगों की जनसंख्या को अपनी सेवा उपलब्ध कराता है|
डाकघर के लिए देनी पड़ती है सब्सिडी
डाक विभाग द्वारा निर्धारित जनसंख्या, आय एवं दूरी से संबंधित मानकों के अनुरूप ही डाक घरों को खोले जाने की शुरुवात की जाती है| वहीं जब ग्रामीण क्षेत्रों में डाक घर खोले जाते हैं, तो उसके सब्सिडी दी जाती है, जो पर्वतीय, रेगिस्तानी और दुर्गम क्षेत्रों में लागत की 85 प्रतिशत तक रहती है और सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों में लागत की 68 प्रतिशत तक रहती है|
पोस्टल नेटवर्क में चार श्रेणियों के डाक घरों का निर्माण किया गया है| प्रधान डाक घर, उप डाक घर, अतिरिक्त विभागीय उप डाक घर और अतिरिक्त विभागीय शाखा डाक घर बनवाये गए है| सभी डाक घर एक जैसी पोस्टल सेवाएं ही देता है| हालांकि, डिलीवरी का काम विशिष्ट डाक घरों के लिए रहता है|
देश में डाक व्यवस्था की शुरुआत
अपने देश में आधुनिक डाक व्यवस्था की शुरुआत 18वीं सदी से पहले ही कर दी गई थी| बता दें कि,साल 1766 में लॉर्ड क्लाइव द्वारा स्थापित डाक व्यवस्था का विकास वारेन हेस्टिंग्स ने वर्ष 1774 में कोलकाता जीपीओ की स्थापना की थी| इसके बाद चेन्नई एवं मुंबई के जनरल पोस्ट ऑफिस वर्ष 1786 एवं 1793 में खोले गए थे|
कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
1.अंतरराष्ट्रीय डाक सेवा दिवस : 9 अक्तूबर (1969 से)
2.भारत में पहला पोस्ट ऑफिस : 1774 (कोलकाता में)
3. भारत में स्पीड पोस्ट की शुरुआत: 1986
4.मनी ऑर्डर सिस्टम की शुरुआत : 1880
5.पहला डाकघर जो भारतीय सीमा के बाहर है : दक्षिण गंगोत्री, अंटार्टिका (1983)
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