(नई दिल्ली), हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के द्वारा किसी भी कंप्यूटर प्रणाली से जानकारी लेने व निगरानी करानें के लिए 10 एजेंसियों को दिए गये अधिकार के विरुद्ध एक अर्जी दाखिल करके इस नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है । सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर आवश्यकता अनुसार सुनवाई की जाएगी | सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, कि जब भी आवश्यकता होगी मामले की सुनवाई की जाएगी ।
केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें सरकार नें 10 प्रमुख सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति या संस्था के कम्प्यूटरों में उपलब्ध डेटा की जांच करने का अधिकार दिया था, जिसे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया गया है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रमुख एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कम्प्यूटर से जेनरेट, ट्रांसमिट या रिसीव हुए और उसमें स्टोर किए गए किसी भी दस्तावेज को देख सकेंगी। यह अधिकार आईटी एक्ट की धारा-69 के अंतर्गत दिया गया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया था। याचिकाकर्ता नें आरबीआई के कैपिटल रिजर्व के मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ आरोप लगाया गया था । जिसे सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था | सुप्रीम कोर्ट ने पीआईएल दाखिल करने वाले वकील एमएल शर्मा की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि उन पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया जाता है।