विश्व चैंपियन भारतीय वेटलिफ्टर सेखोम मीराबाई चानू ने कमर की चोट के बाद वापसी करते हुए गुरुवार को थाईलैंड में आयोजित ईजीएटी कप में स्वर्ण पदक जीता | इस चोट के कारण चानू वर्ष 2018 में छह महीने से अधिक समय तक प्रतियोगिताओं में शामिल नहीं हुई थी |
चानू ने लगभग 6 महीने बाद जैसे ही मैट पर वापसी की, वैसी ही उन्होंने एक बड़ी जीत अपने नाम कर ली| मेडल थाईलैंड में हो रहे ईजीएटी कप में चानू ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया| चानू ने 48 किलो वेट कैटेगरी में 192 किलो का वजन उठाया और स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया |
चानू ने कहा, ‘‘चोट से उबरने के बाद यह मेरी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता है| मैं शत प्रतिशत फिट महसूस कर रही हूं, लेकिन चोट के बाद यह मेरी पहली प्रतियोगिता है, इसलिए नतीजा सर्वश्रेष्ठ नहीं रहा’’|
कुछ ख़ास बातें
1.चानू ने अपनी पूरी मेहनत के साथ यह स्वर्ण पदक प्राप्त किया हैं| इस पदक को हासिल करने का इनका एक ख़ास मकसद रहा है, इन्होने 2020 में होने वाले टोक्यो ओलिंपिक में क्वालिफाई करने के लिए इस जीत में अपना नाम दर्ज किया है
2.मीराबाई चानू ने स्नैच में 82 किलो का वजन और फिर क्लीन एंड जर्क में 110 किलो का वजन उठाकर अपना नाम लिस्ट में सबसे आगे दर्ज किया है
3.जापान की मियाके हिरोमी 183 किलो वजन उठाया और पापुआ न्यू गिनी की लोआ डिका ने 179 किलो का वजन उठाकर ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया, उस समय चानू की कमर में चोट लगी हुई थी, जिसकी वजह से पिछले वर्ष 2018 में वो वर्ल्ड चैम्पियनशिप में नहीं शामिल हो पाई थी |
4.चानू की उम्र लगभग 24 साल है, जिन्होंने गोल्ड कोस्ट में स्नैच में 86 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 110 किलोग्राम का भार उठाया था |