चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर होगी तेज़ नज़र, नामांकन के साथ ही देना होगा ब्योरा

पिछले लोकसभा चुनाव से 2019 लोकसभा चुनाव में आपको कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे | इस बार 100 प्रतिशत ईवीएम में वीवीपैट की सुविधा दी जा रही है, जिससे मतदाता यह जान सके की उनका मत किसे गया है | इसके अतरिक्त चुनाव आयोग सोशल मीडिया पर भी अपनी कड़ी निगरानी रखेगा | मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा  ‘सभी उम्मीदवारों को अपना नामांकन दाखिल करते समय अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंपना होगा।’ चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर जारी होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों के लिए पहले से मंजूरी लेनी होगी।’

Advertisement

निर्वाचन आयोग ने गूगल, फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब को निर्देश दिए है, कि वह राजनीतिक दलों से मिलने वाले विज्ञापनों का वेरिफिकेशन करें | वास्तविक रूप में चुनाव आयोग किसी भी तरह के प्रॉपेगेंडा मैटिरियल पर रोक लगाना चाहता है |

ये भी पढ़े: आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है, कब लगती और कब तक रहती है

चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया पर जारी विज्ञापनों से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई के लिए एक अधिकारी की नियुक्त की है, जो ऐसे मामलों पर अपनी नजर बनाकर रखेगा | अरोड़ा ने कहा, ‘सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर जारी विज्ञापनों के खर्च को उम्मीदवारों के कुल खर्च में जोड़ा जाएगा।’

यही नहीं सोशल मीडिया पर प्लैटफॉर्म्स पर जारी विज्ञापनों से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई के लिए एक अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा | चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर जारी विज्ञापनों के खर्च को उम्मीदवारों के कुल खर्च में जोड़ा जाएगा।’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि “सोशल मीडिया कंपनियों ने चुनाव के दौरान हेट स्पीच जैसी सामग्री पर रोक लगाने का आश्वासन दिया है” | इसके अतिरिक्त चुनाव आयोग ने सुरक्षा कर्मियों की तस्वीरों को प्रचार सामग्री में इस्तेमाल न करने की हिदायत दी है | यह हिदायत अभी हाल ही में एयर फोर्स के विंग कमांडर अभिनंदन की तस्वीर को एक होर्डिंग में प्रयोग करने पर जारी की गयी है |

ये भी पढ़े: वीवीपीएटी (VVPAT) मशीन क्या होती है, VVPAT वीवीपीएटी के बारे में विस्तार से जानकारी

Advertisement