निवेश करने जा रहे हैं तो जान लें क्या है बेहतर : FD या NSC दोनों के बारे में

यदि आपने निवेश करने का मन बना लिया हैं, और निवेश करने जा रहें तो आप FD और NCS दोनों के बारें में यह अवश्य जान लें, कि आपके लिए क्या बेहतर है ? वैसे तो टैक्स बचत के साथ सुरक्षित निवेश के लिए लोग फिक्स्ड डिपॉजिट और एनएससी दोनों को ही अच्छा मानते हैं, उनका मानना है, कि ये दोनों विकल्प ही उनके लिए बेहतर हैं, परन्तु आपके लिए इन दोनों में कौन सा अधिक बेहतर है ? यह जानने के लिए आपको FD और NSC दोनों के बारे में पूरी जानकारी होना आवश्यक है| आईये जानते है, इनके बारें में विस्तार से-

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फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)

आपके निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट भी अच्छा विकल्प होता है। जब कोई व्यक्ति निवेश के लिए किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाता है, तो यह उसके लिए पूरी तरह से जोखिम रहित हो जाता है। जब उस व्यक्ति की फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि पूरी हो जाती है,  तो इसके बादनिवेश करने वाले व्यक्ति की  पूरी राशि उसको ब्याज के साथ वापस मिल जायेगी |

फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दर सीनियर सिटीजन के लिए कुछ ज्यादा रहती है। इसके पश्चात् बैंक भी समय-समय पर इसकी समीक्षा करके बाजार के अनुरूप फिक्स्ड डिपॉजिट की दर को तय करते रहते हैं। अधिकतर बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट की दर में छोटा – मोटा अंतर रहता है।

कई बार इसमें अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से ग्राहकों को फिक्स्ड डिपॉजिट पर ऊंची दर की पेशकश कर देते हैं। बता दें कि बैंक एफडी पर निवेशक को 8 से 8.5 फीसद के लगभग ब्याज प्राप्त होता है। इसकी सामान्य एफडीकी न्यूनतम अवधि 5 साल तक रहती है।

वहीं डाकघर की सामान्य एफडी की राशि 5 साल में पूरी हो जाती है वो भी आयकर की धारा 80 सी के अंतर्गत कर कटौती योग्य रहती  है। उपस्थित आयकर कानून की धारा 80C के माध्यम से आप टैक्स सेविंग एफडी में किए निवेश पर 1.5 लाख रुपए तक की छूट ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें आपकी ग्रॉस टोटल इनकम में से आपकी तरफ से टैक्स सेविंग एफडी में ज़मा की गई राशि को कम करके टैक्सेबल इनकम निकाल ली जाती है।

एनएससी(NSC)

निवेश में आपके के लिए नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी)  भी काफी बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें निवेश करने वाला व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत आय से 100000 रुपए तक की छूट प्राप्त कर सकता है।

आप किसी भी पोस्ट ऑफिस में एनएससी में निवेश कर सकते हैं परन्तु वहां पर सेविंग अकाउंट खोलने की सुविधा दी जा रही हो | वहां से भी आप निवेश कर सकते हैं |  एनएससी पर अर्जित ब्याज हर साल की आय में शामिल किया जाता है। ऐसा इसमें इसलिए होता है क्योंकि, प्रथम पांच वर्ष का ब्याज मैच्योरिटी पर उपलब्ध कराया जाता है, तभी उसे संबंधित वर्ष में रिइन्वेस्टमेंट मानकर उसकी भी छूट धारा 80 सी के तहत दे दी जाती है। एनएससी में सरकारी गारंटी भी होती है।

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