विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान जाएंगे, ये यात्रा दो दिनों की होगी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में दूसरी बार अपनी सत्ता कायम कर ली है, और अब वह अपनी पहली विदेश यात्रा करने जा रहें हैं इसी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर  भी अपनी पहली यात्रा तय करेंगे | जानकारी देते हुए बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए पड़ोस प्रथम की नीति के तहत मालदीव जाने के लिए तय किया है तो वहीं दूसरी तरफ विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार 7 जून को अपनी पहली विदेश यात्रा पर भूटान जाएंगे, उनकी ये यात्रा दो दिनों की होगी | चीन की इस इलाके में रुचि को देखते हुए जयशंकर का दौरा काफी  महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।

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वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि, यात्रा के दौरान जयशंकर भूटान के प्रधानमंत्री लोटेय शेरिंग से मुलाकात करेंगे। भूटान के नरेश जिग्मे खेशर नामग्याल वांगचुक से भी उनकी बातचीत होगी। वह भूटान के अपने समकक्ष टांडी दोरजी से भी मिलेंगे।

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प्रवक्ता ने कहा, विदेश मंत्री के तौर पर जयशंकर का विदेश का यह पहला दौरा होगा। उनकी यात्रा इस परंपरा के अनुरूप है कि भारत अपने करीबी मित्र एवं पड़ोसी भूटान के साथ द्विपक्षीय संबंध को महत्व देता है। भूटान, भारत का करीबी सहयोगी है और पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचा है। इसी के साथ कुमार ने कहा, भारत और भूटान के अनूठे और सदाबहार संबंध हैं। यह आपसी भरोसे, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इस दौरान, दोनों देशों के बीच आगामी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, आर्थिक विकास और पनबिजली सहयोग सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी।

जयशंकर ने कहा, “विदेशों में भारतीयों की मदद करने के लिए सुषमा स्वराज के सोशल मीडिया अभियान को जारी रखेंगे। परेशानी में फंसे भारतीयों पर अत्याधिक जोर दिया जाएगा और अब वे सरकार के उन तक पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं।”

जयशंकर ने गुरुवार 7 जून को कहा, “भारत के अधिकतर लोग मानते हैं कि पिछले पांच साल में दुनियाभर में देश का कद बढ़ा है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार को लगातार दूसरी बार मिली जीत में इसकी भूमिका अहम रही। जयशंकर ने कहा कि विश्व में नया संतुलन स्थापित हो रहा है और चीन का उभार तथा कुछ हद तक भारत का उभार भी इसका ज्वलंत उदाहरण है।”

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