दिल्ली हाई कोर्ट ने पत्नी को दिए जाने वाले गुजारा भत्ता पर बड़ा फैसला दिया है| हाई कोर्ट ने कहा है, कि पति को मिलनें वाली सैलरी का एक तिहाई हिस्सा पत्नी को गुजारा भत्ते के रूप में दिया जाए, कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा इनकम के बंटवारे का फॉर्म्युला तय है, जिसके अंतर्गत यदि कोई और निर्भर नहीं है, तो पति की कुल सैलरी के दो हिस्से पति के पास और एक हिस्सा पत्नी को दिया जाएगा।
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एक महिला की शादी 7 मई 2006 को हुई थी, उनके पति सीआईएसएफ में कार्यरत है| किसी कारणवश 15 अक्टूबर 2006 को दोनों अलग हो गए। उसके बाद महिला ने गुजारा भत्ते के लिए अर्जी दी। कोर्ट नें महिला का गुजारा भत्ता तय किया गया। इसके तहत उनके पति को निर्देश दिया गया, कि वह अपनी कुल सैलरी का 30 फीसदी पत्नी को दें।
कोर्ट द्वारा दिए गये इस निर्णय को महिला के पति ने चुनौती दी। ट्रायल कोर्ट ने गुजारा भत्ता 30 फीसदी से घटाकर सैलरी का 15 फीसदी कर दिया। तब फैसले को महिला ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। इसके पश्चात दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया, कि महिला को पति की सैलरी से 30 फीसदी मिले।
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