जाने टैक्स छूट के बारे में विस्तार से – कहाँ कैसे कितना टैक्स बचाया जा सकता है

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आयकर कानून 1961 के अंतर्गत, यदि किसी व्यक्ति की वार्षिक  1.5 लाख रुपये से अधिक है, तो उन्हें अपनी अतिरिक्त आय पर आय कर देने का प्राविधान है, यदि आप इनकम टैक्स कानून के अंतर्गत निर्धारित नियमों के माध्यम में निवेश करते हैं, तो यह आपकी आयकर भुगतान अर्थात देनदारी को कम करने में काफी सहायता कर सकते है |

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वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में टैक्स का भुगतान कर आप उचित टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते है| आयकर कीधारा 80ई के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु ऋण लिया है, तो ब्याज के रिपेमेंट पर टैक्स कटौती की मांग की जा सकती है। लोन स्वयं, पत्नी और बच्चों के लिए लिया जा सकता है। यह बैंक, वित्तीय संस्थान या किसी मान्यता प्राप्त चैरिटेबल संस्थान से लिया जा सकता है।

ब्याज (Intrest) के सम्बन्ध में आप इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 24 के अंतर्गत 2 लाख रुपये तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं, परन्तु इस क्लेम करने के लिए आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा | अपने कब्जे वाली प्रॉपर्टी के सम्बन्ध में प्रॉपर्टी का कंस्ट्रक्शन पांच वर्ष में पूरा हो जाना चाहिए, यदि इसे पूरा होने में इससे अधिक समय लग जाता है, तो आप सिर्फ 30 हजार रुपये तक क्लेम कर सकते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस से सम्बंधित प्लान के लिए दिए गए प्रीमियम राशि पर 25 हजार रुपये तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं, यदि आप अपने माता-पिता के लिए अलग से हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम देते हैं, परन्तु उनकी आयु 60  वर्ष या उससे अधिक है, तो आप अन्य क्लेम के अतिरिक्त 50 हजार रुपये तक के डिडक्शन के लिए अलग से क्लेम कर सकते हैं।

यदि उनकी आयु 60  से कम है, तो आपके द्वारा एक वर्ष में दिए गए इंश्योरेंस प्रीमियम राशि पर 25 हजार रुपये तक की छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं। सीनियर सिटिजंस के लिए यह डिडक्शन क्लेम अमाउंट 50-50 हजार रुपये निर्धारित किया गया है, इस प्रकार आप कुल मिलकर एक लाख रुपये तक के डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं।

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