हमारे विश्व के कुछ देश ऐसे है, जिनकी आर्थिक दृष्टि से बहुत ही दयनीय स्थिति है, हम बात कर रहे है वेनेजुएला देश की अंतराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वहां पर भूखमरी की हालात बनें हुए है, वहां पर एक किलो चावल के लिए लोग एक दूसरे की हत्या करने को तैयार है, यहाँ पर 17 हजार रुपये प्रति किलो आलू बिक रहा है | इसके बावजूद वहां के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अंतराष्ट्रीय मदद लेने से इंकार कर दिया है, उन्होंने कहा है की उनका देश भिखारी नहीं है | इस समय आर्थिक रूप से बदहाली का सामना कर रहे वेनेजुएला में मुद्रास्फीति की दर 13 लाख फीसद बढ़ चुकी है |
महंगाई का स्तर सातवें आसमान पर
इस समय वेनेजुएला में एक किलो चिकन का मूल्य लगभग 10277 रुपये, यदि आप किसी रेस्तरां में सामान्य खाना खाते है, तो आपको लगभग 34 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ेगा, यहाँ पर 5 हजार रुपये लीटर दूध बिक रहा है, एक दर्जन अंडे 6535 रुपये के है, 1 हजार रुपये किलो टमाटर, 16 हजार रुपये मक्खन, 17 हजार रुपये किलो आलू, 95 हजार रेड टेबल वाइन, 12 हजार में घरेलू बीयर और 6 हजार रुपये में कोका कोला की दो लीटर बोतल दी जा रही है |
वेनेजुएला के राष्ट्रपति का अंतराष्ट्रीय मदद लेने से इंकार
वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो ने अंतराष्ट्रीय सहयोग लेने से इंकार कर दिया है, इन्होने अमेरिका से सहायता सामग्री ला रहे जहाज को वेनेजुएला पहुंचने से पहले ही रोक दिया है, इस समय यह जहाज कोलंबिया के कुकुटा में है | इस प्रकार की सहायता को मादुरो सरकार ने अमेरिकी आक्रमण के अग्रदूत की संज्ञा दी है | अंतराष्ट्रीय सहायता को रोकने के लिए कोलंबिया-वेनेजुएला सीमा पर बने उस पुल को अवरुद्ध कर दिया गया है, जो आयात और निर्यात का मुख्य केंद्र है | राष्ट्रपति मादुरो ने कहा है कि मानवता के दिखावे के नाम पर हो रही मदद को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे | पिछले चार वर्षों से वेनेजुएला में मानवता पर संकट का झूठा प्रचार किया जा रहा है, यहाँ पर ऐसा कुछ भी नहीं है | उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया है, कि वह इनके आंतरिक मामले में हस्तक्षेप न करे