(मद्रास), विभिन्न बैंकों से करोड़ो रुपये ऋण (Loan) लेकर देश छोड़ कर भागने के बढ़ते मामलों को देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को कर्जधारकों के पासपोर्ट जमा कराने का सुझाव दिया है । केंद्र सरकार को पासपोर्ट नियमों में अनिवार्य संशोधन करने चाहिए, ताकि बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे अधिकार मिल सके कि, वह लोन लेने वाले व्यक्तियों के पासपोर्ट जमा करा सकें । ऐसा करनें से लोन डिफॉल्टर्स देश छोड़कर भागने से प्रतिबंधित हो जायेंगे ।
मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एस. वैद्यनाथन ने कहा, ‘यह सुझाव दिया जाता है, कि डिफॉल्टर्स यहाँ से जाकर दूसरे देश में शरण ले लेते है, और उन्हें वापस लानें में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसलिए दूसरे देश में जाने के मामलों पर रोक लगाने के लिए वित्तीय संस्थाओं को ऐसे अधिकार दिए जाने चाहिए जिससे बैंक लोनधारक के पासपोर्ट को सरेंडर करा सकें और संस्थान की जानकारी के बिना वह देश से बाहर नहीं जा सकें |
इसके साथ-साथ यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि लोन भरने तक उन्हें पासपोर्ट न दिया जाए तथा ऋण वापस न करनें की स्थिति में पासपोर्ट को अस्थायी रूप से निरस्त किया जा सके, तथा पासपोर्ट रीन्यू कराने के सम्बन्ध में भी बैंकों की स्वीकृति अनिवार्य रूप से ली जानी चाहिए ।