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नोटा का मतलब क्या है | अधिकार | कैसे होगा इस्तेमाल – जानिए

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मतदान के समय चुनाव में खड़े प्रत्याशियों को नापसंद करने का अधिकार नोटा कहलाता है | कुछ समय पूर्व तक नोटा का विकल्प नहीं था, जिससे उम्मीदवार या प्रत्याशी नापसंद होने पर केवल मतदान न करना ही एक मात्र विकल्प था | इससे मतदान का प्रतिशत गिरता जा रहा था जो किसी भी लोकतान्त्रिक देश के लिए खतरा उत्पन्न करता है | अच्छे उम्मीदवार न होने से देश में भ्र्ष्टाचार बढ़ता जाता है, जिससे जनता के अंदर विद्रोह की भावना पैदा होती है, जो आगे चल कर गृहयुद्ध में बदल जाती है | यह परिस्थिति किसी भी देश के लिए बहुत ही खतरनाक है | इसीलिए भारत में नोटा का प्रयोग शुरू किया गया है, इस पेज पर नोटा के विषय में विस्तार से बताया जा रहा है |

नोटा का इतिहास

नोटा का सबसे पहले प्रयोग वर्ष 1976 में संयुक्त राज्य अमेरिका के नेवादा राज्य के चुनाव में किया गया था | इसके बाद इसका प्रयोग कई अन्य देशों में किया जाने लगा |

भारत में वर्ष 2009 में निर्वाचन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय में ईवीएम में नोटा को बटन जोड़ने के लिए अर्जी दाखिल की थी |

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज जो की एक गैर सरकारी संगठन था इसका समर्थन किया था परन्तु तत्कालीन केंद्र सरकार ने इसका समर्थन नहीं किया था |

वर्ष 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने इसके पक्ष में अपना निर्णय दिया, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने नोटा के बटन को सभी ईवीएम मशीन में जोड़ दिया, इस प्रकार से भारत में नोटा का प्रयोग शुरू हुआ था |

नोटा का फुल फॉर्म हिंदी और इंग्लिश में

नोटा का फुल फॉर्म “None of the above” है हिंदी भाषा में इसका अर्थ ‘इनमें से कोई नहीं’ है |

नोटा का मतलब क्या है ?

आपको किसी पार्टी का कोई उम्मीदवार पसंद न हो और आप उनमें से किसी को भी अपना वोट देना नहीं चाहते हैं तो फिर आप नोटा के बटन को दबा कर के अपना विरोध दर्ज करा सकते है | इससे पूर्व भारत में यह व्यवस्था नहीं थी, जिससे यदि कोई व्यक्ति को चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से कोई भी उम्मीदवार या प्रत्याशी पसंद नहीं आता था, तो वह वोट करने नहीं जाता था, इससे उसका वोट बेकार चला जाता था और प्रशासन या निर्वाचन आयोग को इसकी जानकारी ही नहीं हो पाती थी कि मतदान का प्रतिशत इतना कम कैसे होता जा रहा है | इस समस्या के समाधान के लिए भारत में वर्ष 2013 से नोटा का विकल्प प्रदान किया गया |

नोटा का अधिकार

नोटा का अधिकार सभी वयस्क भारतीय नागरिकों को प्रदान किया गया है, इस अधिकार के माध्यम से आप अपना विरोध दर्ज कर सकते है, यदि आप किसी दल या पार्टी की विचार धारा से सहमत है, परन्तु पार्टी ने जिसे प्रत्याशी बनाया है, आप उससे सहमत नहीं है, इस परिस्थति में आप अपना वोट विरोधी दल को नहीं देना चाहते है और उस प्रत्याशी को भी नहीं देना चाहते है, इसके लिए निर्वाचन आयोग ने प्रत्येक मतदाता को नोटा का अधिकार दिया है, आप इसका प्रयोग करके अपनी बात निर्वाचन आयोग तक पंहुचा सकते है |

इस्तेमाल कैसे करें

नोटा का इस्तेमाल करने के लिए आपको मतदान स्थल पर जाना होगा यहां पर निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित सभी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा | इसके बाद आपको मतदान करने का अवसर दिया जायेगा |

आप जब मतदान करने के लिए जाये वहां पर आपको NOTA का गुलाबी बटन दिखायी देगा आपको उसे प्रेस करना है, इसको प्रेस करते ही एक आवाज सुनाई देगी इसका मतलब है, कि आप जिसको मतदान करना चाहते थे वह पूरा हो चुका है |

आप इस प्रकार से नोटा का इस्तेमाल कर सकते है |

नोटा का प्रभाव

नोटा का पहली बार प्रयोग निर्वाचन आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में किया था | इसे सम्पूर्ण देश में वर्ष 2015 को लागू कर दिया गया था | वर्ष 2018 में नोटा को भारत में पहली बार उम्मीदवारों के समकक्ष दर्जा दिया गया |

दिसंबर 2018 में हरियाणा में नगर निगम चुनावों के दौरान पांच जिलों के मतदान में निर्वाचन आयोग ने नोटा के विजयी रहने की स्थिति में सभी प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित कर दिए जाने का निर्णय लिया इससे पूर्व नोटा के विजयी होने पर द्वितीय स्थान पर रहे प्रत्याशी को विजयी माना जाता था |

नोटा का चिन्ह

नोटा के चिन्ह में एक मतपत्र है और उस पर एक क्रॉस का निशान बनाया गया है | 18 सितम्बर 2018 को निर्वाचन आयोग के द्वारा इस चिन्ह को निर्धारित किया गया था | इस चिन्ह को गुजरात के राष्ट्रीय डिजायन संस्थान द्वारा तैयार किया गया है |

किन- किन देशों में नोटा का विकल्प दिया गया है ?

भारत के अतिरिक्त दुनिया के कई देशों में वहां के नागरिकों को नोटा का विकल्प दिया गया है, इसमें से प्रमुख देश इस प्रकार है- कोलंबिया, यूक्रेन, ब्राजील, बांग्लादेश, फिनलैंड, स्पेन, स्वीडन, चिली, फ़्रांस, बेल्जियम और ग्रीस में इसका प्रयोग बहुत ही बड़े स्तर पर किया जाता है, अमेरिका में इसका प्रयोग कुछ चुनावों में किया जाता है |