वर्तमान समय में लोगों ने सोशल मीडिया में सभी आयु के लोगो की रूचि सबसे अधिक है | सोशल मीडिया पर लोग अपने जीवन से जुड़ी हर एक बात को शेयर करने की कोशिश करते हैं | बच्चों से जुड़े हर मूमेंट को आजकल के माता-पिता सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं, इसका कारण बच्चों को पॉपुलर करना या फिर बच्चों से जुड़ी अपनी खुशी डिजिटल दुनिया पर शेयर करना होता है, परन्तु सोशल मीडिया पर बच्चों के वीडियो या फोटो शेयर करना खतरनाक भी हो सकता है, क्योंकि पैरेंट्स की यही गलतियाँ बच्चों के यौन शोषण और अपहरण का कारण भी बन सकती हैं | इसलिए अब हमें इससे सावधान रहने की आवश्यकता है |
भारतीय अभिभावक अपने बच्चों की तस्वीरे या वीडियो सोशल मीडिया पर कम शेयर करते हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का एहसास है, कि शायद ऐसा करने से उनके बच्चों पर खतरा हो सकता है, या फिर बच्चे का अपहरण भी किया जा सकता है, परन्तु कुछ ऐसे अभिवावक हैं, जो अपने बच्चों को पापुलर बनाने और खुद को खुशी का एहसास दिलाते हुए बच्चों की तस्वीरे और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं |
‘द एज ऑफ कन्सेंट’ शीर्षक वाले सर्वे से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भारत में 40.5 फीसदी पैरेंट्स अपने सोशल मीडिया खातों पर एक दिन में कम से कम एक समय तो अपने बच्चों की तस्वीर या वीडियो जरुर शेयर करते हैं, जिसमें सबसे अधिक मुम्बई के निवासी एक दिन में एक बार बच्चों की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं |
अधिकतर पैरेंट्स सोशल मीडिया पर बच्चों की तस्वीरे शेयर करने से सम्बंधित बाल यौन शोषण (16.5 प्रतिशत), पीछा करना (32 प्रतिशत), अपहरण (43 प्रतिशत) और साइबर धमकी (23 प्रतिशत) दर्ज की गई है | यह आकड़े प्राप्त होनें के बाद भी 62 प्रतिशत पैरेंट्स अपने बच्चों की तस्वीरें शेयर करते समय यह बिल्कुल नहीं सोचते हैं, कि उनका ऐसा करना उचित है अथवा नहीं |
सर्वे में एक आश्चर्यचकित करने वाली बात सामने आई है, कि 76 फीसदी पैरेंट्स ने बताया, कि वे अपने बच्चों की तस्वीरें ऑनलाइन शेयर करते समय उसके गलत हाथों में जाने के खतरे को अच्छी तरह से जानते हैं|”
इन शहरों के पैरेंट्स करते है शेयर
मुंबई (66.5 फीसदी), दिल्ली (61 फीसदी) और बेंगलुरू (55 फीसदी) इन सभी शहरों के पैरेंट्स का कहना है, कि उनके पास बिना अपने बच्चों से पूछे उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करने का पूरा अधिकार है |
सर्वें में हुआ खुलासा
मंगलवार को वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी मैकेफी के सर्वे में इस बात खुलासा किया गया है | मैकेफी के इंजीनियरिंग उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक वेंकट कृष्णापुर ने बताया कि, ” पैरेंट्स अपने बच्चों की फोटो ऑनलाइन पोस्ट करते समय इन बातों को ज्यादा महत्व नहीं देते, कि ऐसा करने से उनके बच्चों को कैसे नुकसान हो सकता है ? बता दें कि बच्चों की तस्वीरे और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करने से उनकी व्यक्तिगत जानकारी को भी नुकसान पहुंचने की संभावना रहती है|