नये साल 2019 में छात्रों के लिए एक खुशखबरी है | अभ्यार्थियों के लिए UGC (University Grants Commission) ने एक बड़ा कदम उठाया है | विश्र्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षा को और भी बेहतर बनाने के लिए एक नया कदम उठाने जा रहा है। 2019-20 के शैक्षिक सत्र के लिए कोर्सेज को ऑनलाइन करवाने के लिए आयोग ने बड़े संस्थानों को आदेश दे दिया है |
आपको बता दे कि यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (UGC) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) को समाप्त कर मोदी सरकार अब एक हायर एजुकेशन रेग्युलेटर बनाने तैयारी कर रही है। जिसका नाम हायर एजुकेशन एंपावरमेंट रेग्युलेशन एजेंसी (HEERA) रख दिया गया है |
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने सभी बड़े संस्थानों को आदेश दिया है कि 7 से 31 जनवरी 2019 तक ऑनलाइन कोर्सेज के लिए आवेदन की जानकारी दे दी जाए | इन संस्थानों में भारतीय अभ्यार्थियों के साथ-साथ विदेशी अभ्यार्थी भी एनरोलमेंट करा सकते हैं | ऑनलाइन कोर्स केवल वही संस्थान शुरू कर सकते हैं जो राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के शीर्ष 100 रैंक में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही उन संस्थानों को भी जिन्हें 4 अंक के पैमाने पर 3.26 के न्यूनतम स्कोर के साथ राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद द्वारा (NAAC) मान्यता हासिल है। यूजीसी (ऑनलाइन पाठ्यक्रम या कार्यक्रम) विनियम, 2018 के गजट नोटिफिकेशन को 4 जुलाई, 2018 को अधिसूचित कर दिया गया था।
ऑनलाइन कोर्सेज के ये हैं कुछ नियम
अब तो हर जगह हर कोर्स के लिए ऑनलाइन की सुविधा दे दी गई है | इसी तरह की सुविधा अब सभी कोर्सों के लिए भी जारी कर दी जायेगी | मानव संसाधन विभाग के मुताबिक, अभ्यार्थियों को ऑनलाइन कोर्सेज करने के लिए एक साल में दो बार एडमिशन लेना पड़ेगा | पारंपरिक मोड या ओपन ऐंड डिस्टेंस लर्निंग (ओडीएल) मोड के तहत पेश किये गये पाठ्यक्रम को एक उच्च शिक्षा संस्थान उसकी पेशकश करेगा |
अभ्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए निर्धारित किये गये केन्द्रों पर जाना होगा | शिक्षा की गुणवत्ता में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है | इसकी गुणवत्ता समान है | परीक्षा निर्धारित केंद्रों पर ही आयोजित की जाएगी, बायोमेट्रिक डेटा के माध्यम से अभ्यार्थियों की पहचान की जाएगी | अभ्यार्थी अपना बायोमेट्रिक डेटा नामांकन के समय दे देंगे