टू-व्हीलर के इंश्योरेंस करवा रहे हैं तो जान ले पहले ये नए नियम

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समय के साथ-साथ वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, पिछले दो दशकों में भारतीय सड़कों पर वाहनों की संख्या में आठ गुना से अधिक वृद्धि हुई है, वाहनों की संख्या बढनें से दुर्घटनाओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है|  वाहन बीमा किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर हमारे आर्थिक नुकसान को पूरा करता है।

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हाल ही में इंश्योरेंस को लेकर बीमा नियामक इरडा (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने एक नया नियम लागू किया है |

इस नए नियम के अनुसार,  टू-व्हीलर्स या कार खरीदते समय आपको तीन वर्ष या पांच वर्ष के लॉन्ग टर्म थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेना अनिवार्य कर दिया गया है, इसका सीधा अर्थ यह है, कि अब वाहन खरीदते समय आपको अधिक पैसे खर्च करनें होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2018 से सभी नए वाहनों का खरीदने के साथ ही 5 वर्ष के लिए थर्ड पार्टी बीमा करवाना अनिवार्य कर दिया है।

कई बार एजेंट उपभोक्ताओं को गलत जानकारी देकर पॉलिसी बेच देते हैं। ऐसे में यदि आपको कोई गलत जानकारी दे या एक्स्ट्रा चार्ज की मांग करता है, तो आप उसकी शिकायत सीधे इरडा में कर सकते हैं।

टू-व्हीलर्स (BIKE) इंश्योरेंस हेतु

i).75 cc इंजन तक की बाइक के लिए 1045 रुपये

ii).75 से 150 cc इंजन वाली बाइक के लिए 3285 रुपये

iii).150 से 350 cc इंजन वाली बाइक के लिए 13034 रुपये

फोर- व्हीलर्स (CAR) हेतु

i).1000cc वाले इंजन की कार के इंश्योरेंस के लिए 5286 रुपये

ii).1000-1500 cc वाले इंजन की कार के लिए 9534 रुपये

iii).1500 cc से ज्यादा कैपेसिटी वाली इंजन की गाड़ी के लिए 24305 रुपये

नोट:- टू-व्हीलर वाहनों के लिए 5 वर्ष तथा फोर-व्हीलर के लिए 3 वर्ष का बीमा लेना अनिवार्य कर दिया गया है |

क्यों अनिवार्य है वाहन का बीमा ?  

वाहन बीमा किसी भी प्रकार  की दुर्घटना घटित होने पर हमारे आर्थिक नुकसान को पूरा करता है । बीमा इंश्योरेंस कंपनी और हमारे मध्य एक प्रकार का अनुबंध होता है, जिसके अंतर्गत कानूनी रूप में एग्रीमेंट किया जाता है, कि आप प्रीमियम देंगे और कंपनी वाहन दुर्घटना होने पर आर्थिक हानि की पूर्ति करेगी।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है

थर्ड पार्टी बीमा को लायबिलिटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है, यदि किसी ने वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराया है, और कोई दुर्घटना होती है, तो बीमा कंपनी द्वारा थर्ड पार्टी को क्लेम दिया जाता है। यहां फर्स्ट पार्टी वाहन चलाने वाला और थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला होता है। वाहन की चपेट में आने वाले के आर्थिक नुकसान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य कर दिया है, यह बीमा वाहन मालिक को भी कवर करता है।

यहाँ करे शिकायत

एजेंट द्वारा अथवा किसी अन्य माध्यम से दी गई गलत जानकारी देकर पॉलिसी खरीदने से बचने के लिए आप सबसे पहले आपको बीमा कंपनी के शिकायत निवारण अधिकारी से संपर्क कर उन्हें अवगत करायें, यदि आपकी समस्या का समाधान यहाँ  नहीं हो रहा है अथवा संतुष्ट न होनें की स्थिति में आप इरडा के शिकायत निवारण सेल के टोल फ्री नंबर – 155255 पर शिकायत कर सकते हैं।

डॉक्युमेंट्स के साथ इरडा की ई-मेल आई डी -complaints@irdai.gov.in पर भी शिकायत भेज सकते हैं।

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