सिविल सेवा परीक्षा में प्रतिवर्ष लाखो छात्र सम्मिलित होते है | इस परीक्षा में शामिल होनें में छात्रों को सीमित अवसर ही प्राप्त होते है | अधिकांश छात्र परीक्षा के लिए फॉर्म तो भरते हैं, परन्तु बेहतर तैयारी न होनें तथा अपना मौका बचानें के उद्देश्य से परीक्षा में शामिल नहीं होते है | जिसके कारण परीक्षा के लिए उपलब्ध कराये गये संसाधनों पर किया गया व्यय व्यर्थ चला जाता है | इन संसाधनों की बचत करनें के उद्देश्य से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सरकार को प्रस्ताव दिया है |
यदि किसी छात्र नें परीक्षा हेतु आवेदन किया है, परन्तु परीक्षा में शामिल नही होना चाहता है | ऐसे में अब यूपीएससी ने छात्रों के लिए एक योजना बना रही है| अब सिविल परीक्षा का फॉर्म भरने के बाद परीक्षा न देने वाले छात्रों को तीन महीने पहले एक अवसर मिलेगा, जिसके अंतर्गत वह अपना फॉर्म निरस्त कर सकते हैं। इससे परीक्षा में उपयोग किये जानें वाले संसाधानों की बर्बादी को रोका जा सकेगा । यदि कोई परीक्षा में शामिल होना चाहता है, तो वह अपने फॉर्म से सम्बंधित जानकारी यूपीएससी को देगा। इसके बाद वहां से वन टाइम पासवर्ड मोबाइल पर आएगा। इसके बाद स्टूडेंट अपना फॉर्म वापस ले सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में लगभग 94 लाख 74 हजार प्रतियोगी छात्रों ने आवेदन फॉर्म भरा था, परन्तु परीक्षा में सिर्फ 44 लाख 66 हजार छात्र ही सम्मिलित हुए थे । प्रत्येक वर्ष यही स्थिति होती है, कि कई छात्र फॉर्म भरने के बाद परीक्षा छोड़ देते हैं। वर्ष 2014 में 45 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा नहीं दी थी, वहीं 2013 में 46 प्रतिशत छात्रों ने फॉर्म भरकर परीक्षा छोड़ दी थी।