केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण से सम्बंधित प्रकरण सुर्खियों में छाया हुआ है | सरकार द्वारा प्रस्तावित इस निर्णय से काफी लोग असहमत है,परन्तु सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से सामान्य वर्ग के अंतर्गत मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोगो को शामिल किया गया है |
इस प्रकरण से सम्बंधित जानकारी सामाजिक कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत ने लोकसभा में संविधान संशोधन विधेयक को प्रस्तुत करते हुए दी है, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि, 124वें संविधान संशोधन विधेयक के अंतर्गत सभी वर्ग के लोग आएंगे, तथा इस आरक्षण का आधार सामाजिक या शैक्षणिक नहीं है, इसका सम्बन्ध आर्थिक है।
वर्तमान सरकार द्वारा यह आरक्षण लागू करने का उद्देद्श्य किसी भी वर्ग से सम्बंधित न होकर देश में गरीब अर्थात निर्धन जनता के हित में किया जा रहा है | वित्त मंत्री अरुण जेटली के अनुसार, यह दुनिया का पहला प्रयास है, जिसमें सिर्फ गरीबों को आरक्षण दिया जा रहा है |