455 करोड़ हाइवे के घोटाले मामले की छानबीन करने के लिए विभाग ने केंद्र को सीबीआई से जाँच कराने के लिए प्रस्ताव भेजा था लेकिन सीबीआई ने इस मामले की जाँच करने से साफ इनकार कर दिया | कुछ दिन पहले ही इस मामले को एसआईटी को दिया गया था | इस बड़ी टीम (एसआईटी) ने छानबीन करके दिल्ली-सहारनपुर-यमुनोत्री हाई-वे के निर्माण में हुए 455 करोड़ के घोटाले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
फरवरी 2017 में भी इस मामले में यूपीडा की तरफ से विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जिसका फायदा उठाते हुए एसआईटी ने विभूतिखंड थाने से एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी लेकर फिर से मामला दर्ज कर लिया है।
वर्ष दिल्ली-सहारनपुर-यमुनोत्री हाइवे के निर्माण साल 2011 में मायावती सरकार के कार्यकाल में कार्य जारी किया गया था | मेसर्स एसईडब्ल्यू-एसएसवाई हाइवेज लिमिटेड को इस हाइवे का काम कराने के लिए कहा गया था। इस कम्पनी ने यह काम 1 अप्रैल 2012 से करवाना शुरू कर दिया था जिसके बाद 2013 के नवंबर महीने में ही इस काम को रोक दिया गया था | 1735 करोड़ की परियोजना का काम 900 दिन में पूरा करने का कपंनी ने भरोसा दिलाया था | इसके बावजूद भी काम पूरा नहीं हो पाया था इसलिए कंपनी ने और समय की मांग रखी जिसमें उसे राज्य प्राधिकरण ने 721 दिन का समय दिया गया । इसके बावजूद भी काम पूरा नहीं पाया है |