अब भारत के लिए कुछ और भी अच्छा होने जा रहा हैं, क्योंकि अमेरिका से भारत के लिए अच्छी खबर है| बता दें, कि अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने भारतीय मुद्रा को अपनी निगरानी सूची से अब बाहर कर दिया है| हालांकि अभी अमेरिका ने चीन को अपनी निगरानी से बाहर नहीं किया है| इसी के साथ उसने एशियाई देश से कहा है कि, वह अपनी ‘लगातार कमजोर’ करेंसी को ठीक करने के लिए जरूरी कदम उठाए|
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अमेरिका को जिन विदेशी विनिमय दर पर शक होता है, वह उन देशों की करंसी को अपनी निगरानी सूची में रखता है| अमेरिका ने पिछले साल अक्टूबर में भारत के साथ-साथ चीन, जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया और स्विट्जरलैंड को निगरानी सूची में रखा था|
महत्वपूर्ण जानकारी
1.वित्त मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और विनिमय दर नीतियों पर तैयार रिपोर्ट को यूएस कांग्रेस के सामने पेश किया है और इसी के साथ वित्त मंत्रालय ने मंगलवार 28 मई को भारत और स्विट्जरलैंड को निगरानी सूची से बाहर कर दिया|
2.इसके अतिरिक्त वित्त मंत्री सचिव स्टीवन नुचिन ने अपने बयान में कहा, ”मंत्रालय जोर देता है, कि चीन अपनी ‘लगातार कमजोर’ होती करंसी को दुरुस्त करने के लिए जरूरी कदम उठाए |”
3.नुचिन ने अपने बयान में कहा कि, चीन की करंसी रॅन्मिन्बी डॉलर के मुकाबले पिछले एक साल में आठ फीसदी तक नीचे गिर गई है| इसी के साथ कहा कि अमेरिका के साथ चीन का व्यापर भी अत्यधिक बढ़ा है|
4.रिपोर्ट में कहा गया है, “दिसंबर 2018 तक अमेरिका के साथ चीन का माल व्यापार अधिशेष चार तिमाहियों में 419 बिलियन डॉलर है|”
5.वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के साथ-साथ निगरानी सूची में जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, मलेशिया, वियतनाम और सिंगापुर शामिल हैं|
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