आखिर क्यों फड़फड़ाती हैं आंखें, जानिए क्या है इसका इलाज

0
784

जब कभी भी हमारी आंख फड़कती है, तो हमारे मन में सबसे पहले यह ख्‍याल आता है, कि ये अच्‍छे का संकेत है या फिर कुछ बुरा होने वाला है। फिर ख्‍याल आता है, कि आंख दांई फड़क रही है या बांई । हालाँकि आप गलत भी हो सकते है, क्योंकि आंख फड़कने का कारण आपकी सेहत भी हो सकती है। वैसे तो आंख का फड़कना एक आम बात है, लेकिन यदि ऐसा बार-बार होता है तो यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। यह आंख संबंधी किसी बड़ी बीमारी का कारण भी हो सकता है। यदि आंख ज्यादा समय तक बार-बार फड़फड़ाती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

Advertisement

ये भी पढ़े: डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये घरेलु उपचार  

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययन के अनुसार, अधिकांश मामलों में आंखों का फड़फड़ाना कुछ सेकंड, या कुछ मिनट या एक से दो घंटों तक होता है, और यह अपने आप भी ठीक हो जाता है। आँखों के फड़फड़ाने का सीधा संबंध उसकी मांसपेशियों से है। यदि यह एक लंबे समय से हो रहा है, तो आप एक बार आंखों की जांच अवश्य करवा लें, क्योंकि हो सकता है चश्मा लगाने की जरूरत हो या चश्मे का नंबर बदलने वाला हो।

आंख फड़फड़ाने का दूसरा कारण तनाव होता है। किसी भी व्यक्ति के तनाव का सीधा प्रभाव नींद पर पड़ता है, और आंख फड़फड़ाने लगती है। अप्रैल 2019 में हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ‘थकान में भी ऐसा ही होता है। जो लोग लंबे समय तक कम्प्युटर या लैपटॉप पर काम करते हैं, उनकी भी आंख फड़फड़ाती हैं।’

कैसे रोकें आंख का फड़फड़ाना

1.आँखों के फड़फड़ाने का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। यदि यह मांसपेशियों से जुड़ी समस्या है, तो तुरंत डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखे कि यदि आप चाय, कॉफी या शराब के सेवन अधिक कर रहे है, तो इनका सेवन बंद करके देखे| इसके बाद भी यदि आपको लाभ नहीं मिलता है, तो डॉक्टर से मिलें।

2.यह शुष्क होने के कारण आंखें फड़फड़ा रही हैं, तो उसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें और आई ड्रॉप लें। यदि आप एक लम्बी अवधि से लैपटॉप या कंप्यूटर पर कार्य कर रहे हैं, तो बीच-बीच में ब्रेक लें। डिजिटल आई स्ट्रेन को राहत देने के लिए अपने नेत्र चिकित्सक से कम्प्युटर आई ग्लासेस/ आईवियर के प्रयोग के बारे में सलाह लें, साथ ही तनाव दूर करने का प्रयास करे|

3.गर्मी के मौसम में आंखों पर गीले पानी की पट्टी बांधे। शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण आंख फड़फड़ाती है, इसे दूर करने के लिए डॉक्टर से मिले और जरूरी पोषण लें।

4.द हफिंगटन पोस्ट के अनुसार, ऐसी स्थिति में आँसू फायदा पहुंचा  सकते हैं। आंसू में लाइसोजाइम होता है, जो जीवाणुरोधी और एंटीवायरल होता है। यह आंख की सतह पर कोशिकाओं को पोषण देता है, और आंखों का फड़फड़ाना रोकता है।

ये भी पढ़े: आंसू गैस के गोले का स्वास्थ्य पर क्या होता है असर, यहाँ से जानें  

Advertisement