जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फ़रवरी को हुए आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि, पुलवामा की घटना में पाकिस्तान का हाथ नहीं है, जबकि पाकिस्तान को बिना किसी सुबूत के जिम्मेदार क्यों ठहराया जा रहा है ?
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के जवाब का पलटवार करते हुए कहा, कि हमें इस बात का कोई आश्चर्य नहीं है, कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हमले को आतंकवाद की कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा न तो इस घटना की निंदा की गयी और न ही शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की गयी ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, कि जिन्होंने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया, उन्हें पाकिस्तान के पीएम ने जैश-ए-मुहम्मद के साथ-साथ आतंकवादी द्वारा किए गए दावों को भी नजर अंदाज कर दिया,हालाँकि पाकिस्तान का ऐसा करना कोई नई बात नही है, जबकि जैश-ए-मोहम्मद हमले की ज़िम्मेदारी ले चुका है, और सभी जानते हैं, जैश का ठिकाना पाकिस्तान में है |

इससे पहले 26/11 को मुंबई में हुए भीषण हमले में पाक को सुबूत उपलब्ध कराये गये थे, परन्तु इसके बावजूद मामले में 10 वर्ष से अधिक समय तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला, इसी प्रकार पठानकोट में आतंकी हमला हुआ, जिसमें कोई प्रगति नहीं हुई|