चंद्रयान 2 को लेकर पीएम मोदी नें ट्वीट कर लोगों को लाइव देखने के लिए किया आग्रह

आज शुक्रवार 6 सितम्बर को भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान 2 का लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने जा रहा है| वहीं चंद्रयान 2 को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लोगों को लाइव देखने के लिए आग्रह किया है| पीएम मोदी ने चंद्रयान-2 से जुड़े लगाकर कई ट्वीट किए|

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ”130 करोड़ भारतीय जिस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, वह समय आ गया. अब से कुछ घंटों में, चंद्रमा की दक्षिण ध्रुव के सतह पर चंद्रयान-2 होगा| भारत और दुनिया के बाकी हिस्सों में हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का शानदार काम दिखाई देगा| मैं भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में शानदार पल का गवाह बनने के लिए बेंगलुरु के इसरो केंद्र में आने के लिए बेहद उत्साहित हूं| उन विशेष पलों को देखने के लिए विभिन्न राज्यों के युवा भी मौजूद रहेंगे| भूटान के युवा भी होंगे|”

पीएम मोदी ने कहा, ”जिन नौजवानों के साथ मैं बेंगलुरु में इसरो सेंटर के विशेष क्षणों को देखूंगा. वे तेज दिमाग वाले हैं, जिन्होंने माई जियो में इसरो स्पेस क्विज जीता है| इस क्विज में बड़े पैमाने पर भागीदारी विज्ञान और अंतरिक्ष में युवाओं की रुचि को प्रदर्शित करती है. यह एक महान संकेत है!”

अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”मैं 22 जुलाई 2019 को चन्द्रयान-2 से संबंधित सभी अपडेट को नियमित रूप से और उत्साहपूर्वक ट्रैक कर रहा हूं| यह मिशन भारतीय प्रतिभा और तप की भावना को प्रदर्शित करता है. इसकी सफलता से करोड़ों भारतीयों को लाभ होगा|”

पीएम मोदी ने कहा, ”मेरा आप सभी से आग्रह है कि चंद्रयान-2 के विशेष क्षणों को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरते हुए देखें| अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करें| मैं उनमें से कुछ को री-ट्वीट भी करूंगा|”

फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी के अध्यक्ष डॉ ज्यां-य्वेस ले गाल ने मीडिया से बताया, ‘चंद्रमा पर जाना कठिन है, चंद्रमा पर उतरना बहुत आसान नहीं है… हमने देखा कि इस्राइली लैंडर को कुछ समस्याएं हुई थीं, और इसके अलावा रोवर भी आसान नहीं होता, तो यह बहुत महत्वाकांक्षी मिशन है…’

इसी के साथ बताया कि, लैंडिंग के बाद, रोवर चंद्रमा की सतह का विश्लेषण करेगा, और लैंडर चंद्रमा के भूकंपों को मापने के अलावा चंद्रमा की सतह में खुदाई भी करेगा. चंद्रमा की सतह पर पानी की तलाश भी भारत जारी रखेगा, क्योंकि भविष्य में यहां बसने के लिए पानी की खोज बेहद अहम है|’

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