आज 20 अगस्त को सुबह चंद्रयान-2 सफ़लतापूर्वक चन्द्रमा के कक्षा में प्रवेश कर लिया है| वहीं अब बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में चेयरमैन डॉक्टर के सिवन ने मीडिया ब्रीफिंग के माध्यम से चंद्रयान-2 की आगे की राह के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि, 7 सितंबर को प्रात:काल 1:55 बजे लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सतह पर लैंड करेगा। यह लैंडिंग के दौरान की अवधि काफी खतरनाक होगी।
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उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों को जवाब देने से पहले मीडिया ब्रीफिंग में होने वाली देरी के लिए माफी मांगी। इसके बाद उन्होंने चंद्रयान 2 के मिशन के बारे में समझाया। उस दौरान उन्होंने हाथ में चंद्रयान 2 का एक मॉडल ले रखा था जिसके जरिए माध्यम से उन्होंने बताया कि, किस तरह ऑर्बिटर से लैंडर अलग होगा और फिर काम करेगा।
इसरो अध्यक्ष ने दी यह अहम जानकारी
1. 15 दिनों बाद पेलोड वापिस काम करने के सवाल पर अध्यक्ष ने शंका जताई।
2. सितंबर को ऑर्बिटर से लैंडर निकल जाएगा, इसके बाद दोनों हिस्सों का नियंत्रण करना होगा
3.लैंडर से निकलते ही रोवर का कैमरा काम करना शुरू कर देगा
4.लैंडर से रोवर को निकलने में तीन घंटे का समय लगेगा
5.साउथ पोल पर रोवर मुख्यत: केमिकल कंपोजिशन का अध्ययन करेगा
6.स्पेसक्राफ्ट के हेल्थ के बारे में उन्होंने कहा कि सब बढ़िया है
7.लैंडर विक्रम के अलग होने के बाद चुनौतियों के बारे में बताया कि कई चुनौतियां हैं, सबसे पहले उनकी गति को कंट्रोल करना।
8.साउथ पोल पर लैंडिंग के बाद विभिन्न तत्वों का करेगा अध्ययन
9.100 km की कक्षा में पहुंचने के बाद रोवर और लैंडर अलग हो जाएंगे
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10.लैंडिंग के बाद चंद्रमा की स्पष्ट तस्वीरें मिलने लगेंगी
11.आज 30 मिनट तक थम गई थीं धड़कनें
12.आज सुबह 9 बजे चांद के ऑर्बिट में पहुंचा चंद्रयान-2
13.चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा चंद्रयान 2
14.पूरी एक्यूरेसी से कर रहे हैं काम, ताकि चंद्रयान-2 को चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक उतार सकें
15.जब हम सबकुछ सही पाएंगे तो चंद्रयान-2 को चांद पर उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी
16.7 सितंबर को रात 1.55 पर पावर मिशन शुरू होगा
17.3 घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलेगा।
18.4 घंटे बाद लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा।
इसी के साथ इसरो अध्यक्ष ने बताया, ‘मिशन का अहम दौर पूरा हुआ। इसके साथ ही अंतरिक्ष में इसरो में ने इतिहास रच दिया। उन्होंने बताया कि आज सुबह 9 बजकर 2मिनट पर हुआ पर चंद्रयान 2 चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया अब यह 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा।’
इसरो ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि, चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के बाद चंद्रयान 2 की गति धीमी हो जाएगी। साथ ही ऑनबोर्ड प्रपल्शन सिस्टम को फायर किया जाएगा ताकि यान चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में आ सके। इसी के साथ जानकारी दी थी कि, चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्राफ्ट की दिशा में पांच बार बदलाव करेगा।’
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