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आदर्श चुनाव आचार संहिता क्या है, कब लगती और कब तक रहती है

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देश में पंचायत, विधानसभा और लोकसभा के लिए होने वाले समस्त चुनावों से पहले चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लगा दी जाती है, इसे अंग्रेजी में Code of Conduct कहते है | आचार संहिता लागू होनें पर नेताओं सहित सभी को सख्त नियमों का पालन करना होता है। आचार संहिता के दौरान और कौन-कौन से नियमों का पलना करना है, आईये जानते है इसके बारें में विस्तार से ।

आदर्श चुनाव आचार संहिता

चुनाव आचार संहिता / आदर्श आचार संहिता का सम्बन्ध पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव से है | आचार संहिता चुनाव आयोग द्वारा लागू की जाती है | आचार संहिता का अर्थ, चुनाव आयोग द्वारा दिए गये वह दिशा-निर्देश होते हैं, जिनका पालन चुनाव समाप्त होने तक प्रत्येक पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है । आचार संहिता लागू होते ही मुख्यमंत्री या मंत्री किसी प्रकार की घोषणा, शिलान्यास, लोकार्पण या भूमि पूजन नहीं कर सकते ।

आचार संहिता लागू तथा समाप्ति समय

राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती हैं |  सभी सरकारें चुनाव आचार संहिता के दायरे में आती हैं। चुनावों के परिणाम आनें तक यह लागू रहती है | यदि  कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो चुनाव आयोग उसके विरुद्ध कार्रवाई कर सकता है, और उसे चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है, और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।

चुनाव आचार संहिता के नियम  

चुनाव आचार संहिता के नियम इस प्रकार है-

चुनाव आचार संहिता के आम नियम

1.धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए

2.राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत

3.मतदाता को अपनी पार्टी की और आकर्षित करनें के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें, जैसे-रिश्वत देना, मतदात को परेशां करना आदि

4.राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों

मतदान संबंधी नियम

1.मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो

2.मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए

3.मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं

4.मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट अवश्य प्राप्त कर लें

राजनीतिक सभाओं से सम्बंधित नियम

1.सभाओ के आयोजन के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए

2.दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर ले, कि जिस स्थान का चुनाव उनके द्वारा किया गया है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है

3.सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पूर्व सर प्राप्त करें

4.सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें

रैली से सम्बंधित नियम

1.रैली का समय,  आरंभ होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय निर्धारित कर सूचना पुलिस को दें

2.रैली का आयोजन ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो

3.राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से रैली निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले -बात कर लें

4.रैली सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए

सत्ताधारी दल के लिए

1.सरकारी विमान व गाड़ियों का उपयोग पार्टी के प्रचार में नहीं कर सकते  

2.सभा स्थल या हैलीपैड बनाने के लिए किसी मैदान पर सत्तादल का एकाधिकार नहीं होगा, दूसरे दलों को भी उसी नियम और शर्तो के अंतर्गत यह स्थान उपलब्ध होगा, जिस नियम और शर्त से सत्तादल को दिया जाएगा

3.विश्रामगृह, डाक-बंगले, सरकारी आवासों या अन्य सरकारी आवासों पर भी सत्तादल का एकाधिकार नहीं होगा । सभी दलों को निर्धारित शर्तो पर आवंटित होगा परन्तु कोई भी राजनीतिक दल इसका उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकता

4.सरकारी धन से कोई विज्ञापन समाचार पत्रों या टीवी चैनलों पर नहीं दिया जाएगा  

5.स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन आवश्यक