CM योगी पर विवादित टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार की रिहाई का दिया आदेश

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर प्रशांत कनौजिया ने सोशल मीडिया पर एक विडियो शेयर किया था। वहीं पुलिस के मुताबिक उन्होंने एक विडियो को शेयर करते हुए एक विवादित कैप्शन भी लिखा था। जिसके तहत उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया था| वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ पर विवादित टिप्पणी लिखने और विडियो शेयर करने के मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को तत्काल रिहा करने का आदेश दे दिया है और साथ में ही शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई है|

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सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, आखिर उन्हें किन धाराओं के तहत अरेस्ट किया है। इसी के साथ कहा कि कनौजिया को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए, लेकिन उन पर केस चलता रहेगा| शीर्ष अदालत ने कहा, ‘प्रशांत कनौजिया ने जो शेयर किया और लिखा, इस पर यह कहा जा सकता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। लेकिन, उसे अरेस्ट किस आधार पर किया गया था?’ इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि आखिर एक ट्वीट के लिए उनको गिरफ्तार किए जाने की क्या जरूरत थी?

इसके अतिरिक्त शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की भी याद दिलाते हुए कहा कि, उसे उदारता दिखाते हुए फ्रीलांस जर्नलिस्ट कनौजिया को रिहा कर देना चाहिए।  लोगों की आजादी पूरी तरह अक्षुण्ण है और इससे कोई समझौता नहीं किया है। यह संविधान की ओर से दिया गया अधिकार है, जिसका कोई उल्लंघन नहीं कर सकता।

जानकारी देते हुए बता दें कि प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने सोमवार 10 जून को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया और इस गिरफ्तारी को चुनौती दी थी। उनकी अर्जी में कहा गया है कि, पत्रकार पर लगाई गईं धाराएं जमानती अपराध में आती हैं। ऐसे मामले में कस्टडी में नहीं भेजा जा सकता। याचिका पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि यह गिरफ्तारी अवैध और असंवैधानिक है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने  पत्नी की याचिका पर  मंगलवार 11 जून को सुनवाई करने की बात कही थी।

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