(दिल्ली), राजधानी के निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी और वंचित समूह के बच्चों का दाखिला ऑनलाइन ड्रॉ से किया जायेगा । दिल्ली हाईकोर्ट ने यह निर्णय ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज करते हुए दिया है । पीठ ने माना कि ऑफलाइन प्रक्रिया अपनाने से अनियमितता होने की संभावना रहती है | सरकार की ओर से स्थाई अधिवक्ता रमेश सिंह से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रवेश के लिए ऑफलाइन आवेदन प्रणाली को नहीं अपनाया जाएगा । उन्होंने पीठ को बताया कि निशुल्क कोटे की सीटें खाली रहने की स्थिति में बार-बार लॉटरी निकाली जाएगी ।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने जुलाई 2018 में सर्कुलर जारी कर सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों में दूसरी और इससे ऊपर की कक्षा में ईडब्ल्यूएस और वंचित समूह के बच्चों का दाखिला ड्रॉ के माध्यम से कराने का निर्णय लिया था । इस पर याचिकाकर्ता संगठन डिवाइन ऑर्गनाइजेशन ऑफ रूरल एजुकेशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सरकार के आदेश को निरस्त करने की मांग की थी ।
याचिका में कहा गया था, कि ऑनलाइन कंप्यूटरीकृत लॉटरी प्रणाली से दाखिला कराने पर ईडब्ल्यूएस और वंचित समूह के लिए आरक्षित सीटें रिक्त रह जाती हैं, निजी स्कूलों में ईडब्ल्यूएस और वंचित समूह के बच्चों के प्रवेश पारंपरिक तरीके या ऑफलाइन आवेदन मंगवाकर करने की मांग की थी, परन्तु पीठ ने गैर सरकारी संगठन डिवाइन ऑर्गनाइजेशन आफ रूरल एजुकेशन की ओर से दाखिल याचिका को खारिज कर दिया ।