दिल्ली विश्वविद्यालय की स्टैंडिंग कमिटी द्वारा अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम के नए सिलेबस की स्वीकृति मिल गई है। कमिटी द्वारा निर्धारित किए गए सिलेबस में इतिहास और अंग्रेजी डिपार्टमेंट के कुछ पेपर्स पर काफी बहसबाजी हुई, क्योंकि अंग्रेजी के एक पेपर में गुजरात दंगों पर एक केस स्टडी को शामिल किया गया है| इसके साथ ही एलजीबीटी कम्युनिटी से जुड़ा भी एक चेप्टर शामिल किया है। इस चेप्टर को लेकर शिकायत की गयी और कुछ शिक्षकों ने नाराजगी व्यक्त की है। इतिहास के सिलेबस में अमीर खुसरो को हटाने और बीआर अंबेडकर पर सिलेबस कम किए जाने पर भी शिक्षकों ने विरोध किया है।
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जिसके पश्चात यूनिवर्सिटी के अधिकारियों नें कहा कि, पाठ्यक्रम में शामिल किए गए या हटाए गए इन चेप्टर की समीक्षा की जाएगी, और नए पाठ्यक्रम को 15 जुलाई को होने वाली एकेडमिक काउंसिल में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इस प्रकरण पर बहस बढ़नें की संभावना है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की परीक्षा विभाग के अनुसार, अंडरग्रैजुएट के फ्रेशर्स को नया पाठ्यक्रम 20 जुलाई से पढ़ाया जाएगा। बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय का नया पाठ्यक्रम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमिशन (यूजीसी) द्वारा जारी गाइडलाइंस के आधार पर तैयार किया गया है। नया सिलेबस चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) पर आधारित है। डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नए सिलेबस में कोई भी विवादित किताब या मैटर नहीं शामिल नहीं किया जाएगा।
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