दुनियाभर में सोशल मीडिया के माध्यम से फेक न्यूज और अफवाहें फैलने के मामले सामने आते रहे हैं। भारत में इन अफवाहों के कारण पिछले वर्ष मॉब लिंचिंग (भीड़ की हिंसा) की घटनाएं सामने आईं थीं, जिसके बाद अब फेक न्यूज और अफवाहें रोकने के लिए इसे दुनियाभर में जारी कर दिया गया था।
सरकार अब सोशल मीडिया पर खाने-पीने के सामानों से सम्बंधित फेक वीडियो और फर्जी फोटो पर भी प्रतिबन्ध लगाने की योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आईटी मंत्रालय ने फेसबुक, ट्विटर और गूगल जैसी कंपनियों को पत्र लिखकर अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट होने वाले खाने-पीने के फेक वीडियो और फोटो पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु पत्र लिखा है|
सोशल मीडिया पर कुछ लोगो द्वारा अक्सर ऐसे फोटो और वीडियो अपलोड कर दिए जाते है, जिनसे खाने-पीने के सामान की क्वालिटी चर्चा का विषय बन जाता है, जिसके कारण लोगो के अन्दर भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जबकि यह पूर्ण रूप से फेक होता है |
मीडिया रिपोर्ट्स से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पवन अग्रवाल जो वर्तमान समय में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सीईओ है, उन्होंने आईटी सेक्रेटरी अजय प्रकाश साहनी को पत्र लिख खाने-पीने के सामान से जुड़े फर्जी वीडियो और फोटो पर रोक लगाने को कहा था, जिसके बाद इस संबंध में आईटी मंत्रालय की तरफ से टेक कंपनियों को नोटिस भेजा गया है।
इस नोटिस में कंपनियों से कहा गया है, सोशल मीडिया पर खाने-पीने से सम्बंधित फर्जी वीडियो और फोटो को शेयर करनें वाले व्यक्ति का अकाउंट तुरंत ब्लॉक किया जाए, क्योंकि सोशल प्लेटफॉर्म पर इस प्रकार के वीडियो वायरल होने से जनता और कारोबारियों दोनों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।
पत्र में एफएसएसएआई ने खाने-पीने के सामान से सम्बंधित फेक वीडियो और फोटो शेयर होने से फूड कंट्रोल सिस्टम से लोगो का विश्वास समाप्त हो जाता है|” एफएसएसएआई ने आईटी मंत्रालय को सुझाव दिया है, कि वह कंपनियों से भारत में नोडल ऑफिसर नियुक्त करने को कहें, ताकि इस तरह के वीडियो वायरल होने पर संस्था सीधे कंपनियों से संपर्क किया जा सके|