बाढ़ हो या दंगा हुआ अगर आपकी कार-बाइक को नुकसान तब भी मिलेगा इंश्योरेस क्लेम जानिए क्या कहता है नया नियम

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अब वाहन चालाने वाले लोगों के लिए सरकार की तरफ से एक और तोहफा दिया गया है| बता दें कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण ने वाहनों के लिए कुछ नए नियम लागू करनें जा रहा है| नए नियमों के तहत यदि आपकी कार-बाइक में बाढ़ और दंगे की वजह कोई नुकसान आ जाता है, तो लोगों को इसके लिए इंश्योरेंस क्लेम दिया जाएगा, इसलिए आप भी जानिये इसका नया नियम क्या कहता है?  

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जानकारी देते हुए बता दें कि इस नए नियम की शुरुवात 1 सितंबर से कर दी जाएगी। 1 सितम्बर से प्राकतिक आपदा जैसे भूकंप, बाढ़, भूस्खलन के अलावा तोड़फोड़, दंगों जैसे हालातों में वाहनों को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अलग से बीमा होगा। यह बीमा नए और पुराने वाहनों पर सालाना लागू किया जाएगा।

ये नया नियम  1 सितंबर 2019 से होगा प्रभावी  

इरडा की तरफ से जारी नए सर्कुलर के मुताबिक 1 सितंबर 2019 से कार और दो-पहिया वाहनों के लिए बंडल पॉलिसी बेचना अनिवार्य नहीं होगा। लेकिन कंपनियां अब डैमेज पॉलिसी अलग से बेच सकेंगी। हालांकि, यह वैकल्पिक होगा। वहीं कोई भी वाहन मालिक ऑन डैमेज बीमा और थर्ड पार्टी बीमा अलग-अलग खरीद सकेंगे।   

थर्ड पार्टी कवर है आवश्यक

इरडा ने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में कोई भी बीमा कंपनी ऑन डैमेज के लिए लंबी अवधि वाली पॉलिसी नहीं ला सकती है। इरडा ने यह भी निर्देश दिया है कि जब तक थर्ड पार्टी कवर नहीं होगा, कंपनियां न तो नई ऑन डैमेज कवर दे सकती हैं और न ही रिन्यू कर सकती हैं।

कीमतों को लेकर स्पष्टीकरण

सर्कुलर में कहा गया है कि ऑन डैमेज पॉलिसी डॉक्यूमेंट पर बीमाकर्ता का नाम, पॉलिसी नंबर थर्ड पार्टी पॉलिसी की शुरू और समाप्त होने की तिथि स्पष्ट लिखी होनी चाहिए। इरडा का कहना है कि अगर कोई वाहन मालिक केवल ऑन डैमेज पॉलिसी खरीदता है, तो थर्ड पार्टी बीमा के साथ खरीदने पर उसकी कीमत उतनी ही रहेगी। वहीं कंपनियों का कहना है, कि इस आदेश के बाद स्टैंडअलोन ऑन डैमेज पॉलिसी की कीमत और अवधि पर काफी कुछ स्पष्ट हो गया है।

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