बहुत से लोग ऐसे जिन्हे आषाढ़ मास में होने वाले गुप्त नवरात्र के बारें में कुछ भी जानकारी नहीं है| तो जानकारी देते हुए बता दें, कि अब बहुत जल्द आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र शुरू होने वाले हैं| इन नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्र की तरह ही मां का पूजन किया जाता है| यह नवरात्र साल में दो बार आते हैं। वहीं मान्यता है कि, इन नौ दिनों तक मां भगवती की आराधना की जाती है, जिससे मां भगवती अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करती है।
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गुप्त नवरात्र का महत्व शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र के बराबर ही होता है। नौ दिनों तक चलने वाले इन नवरात्रों में गुप्त रूप से मां की आराधना की जाती है, इसलिए इन नवरात्रों का नाम गुप्त नवरात्र पड़ गया है ।
गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना होती है। विधि विधान से मां की पूजा करने से जीवन में होने वाली सारी परेशानियां दूर हो जाती है| गुप्त नवरात्र में मां की की जाने वाली पूजा को गोपनीय रखा जाता है और माना जाता है कि, इन नवरात्र में मनोकामना जितनी अधिक गोपनीय रखी जाएगी सफलता उतनी ही अधिक प्राप्त होगी।
गुप्त नवरात्र में पूरे नौ दिन अपने आहार को सात्विक रखना चाहिए| सुबह और संध्या समय पूरे परिवार के साथ मां की आरती करनी चाहिए और साथ में ही मां से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। इन नवरात्र में देवाधिदेव महादेव एवं मां काली की पूजा का विधान होता है। पूजा में मां को शृंगार का सामान, नारियल और चुनरी चढ़ाना चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
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