भारत ने 14 फरवरी के आतंकवादी हमले का जवाब दिया है, इस जवाब में भारत ने वायु सेना के मिराज-2000 का प्रयोग किया है, प्राप्त सूत्रों के अनुसार आज सुबह तक़रीबन तीन बजे भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 विमानों ने लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल को पार करके आतंकी ठिकानो पर लगभग 1000 किलोग्राम के बम गिराए है | इससे लगभग 200-300 आतंकवादी मारे जाने का अनुमान लगाया जा रहा हैं |
मिराज-2000 विमान फ्रांस से खरीदा गया है, इसे फ़्रांस की कंपनी डसाल्ट एविएशन द्वारा बनाया गया है | यह चौथी जेनरेशन का मल्टीरोल, सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है | वर्ष 1970 में इसकी पहली उड़ान का आयोजन किया गया था | यह फाइटर प्लेन अभी लगभग नौ देशो में अपनी सेवाएं दे रहा है |
केंद्र सरकार ने भारतीय वायु सेना के 51 मिराज-2000 विमानों को अपडेट करने के लिए फ्रांस से 1.9 बिलियन डालर का समझौता किया था |
अमेरिका ने दिए थे पाक को एफ 16 विमान
अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ 16 विमान दिए थे, तब भारत ने इनको रोकने के लिए फ़्रांस से समझौता किया था | अक्टूबर 1982 में भारत ने 36 सिंगल-सीट मिराज-2000Hs और 4 ट्विन-सीट मिराज-2000THs के लिए डसॉल्ट को ऑर्डर दिया था |
फ़्रांस ने भारत को 29 जून 1985 को सात विमानों की पहली डिलीवरी दी थी | पहले इनमें स्नेक्मा एम 53-5 इंजन थे जिसे बाद में एम 53 पी-2 इंजन से बदल दिया गया था | इसे भारतीय वायु सेना में द टाइगर्स के नाम से 1986 में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था |
मिराज-2000 विमान की विशेषता
इस विमान में उन्नत एवियोनिक्स, आरडीवाई रडार और नए सेंसर और कंट्रोल सिस्टम का उपयोग किया गया है, जिससे यह एक साथ कई ठिकानों पर एक साथ निशाना लगा सकता है | यह हवा से जमीन और हवा से हवा में भी मार करने में एक्सपर्ट है, इस विमान के द्वारा पारंपरिक और लेजर गाइडेड बम को भी गिराया जा सकता है | मिराज 2000 सिंगल-सीटर या टू-सीटर मल्टीरोल फाइटर के रूप में उपलब्ध है | मिराज 2000 में थेल्स वीईएच 3020 हेड-अप डिस्प्ले और पांच कैथोड रे ट्यूब मल्टीफ़ंक्शन एडवांस्ड पायलट सिस्टम इंटरफ़ेस (एपीएसआई) डिस्प्ले लगे हुए हैं | उड़ान नियंत्रण, नेविगेशन, लक्ष्य को साधने और हथियार फायरिंग से संबंधित डेटा को यह तुरंत ही देता है, जिससे पायलट आसानी से अपने लक्ष्य को भेद कर वापस आ सकता है |