नए एचआरडी मिनिस्टर रमेश पोखरियाल निशंक के पद संभालते ही कुछ देर में ही नई एजुकेशन पॉलिसी बना रही कमिटी ने इसका ड्राफ्ट भेज दिया है। इस पॉलिसी के लिए इंतजार लगभग दो सालों से चल रहा था और अंततः यह तैयार होकर मंत्रालय में भी अब आ चुकी है। इस पॉलिसी के अंतर्गत सबसे ज्यादा फोकस भारतीय भाषाओं पर देखने को मिला है। इसमें यह भी बताया गया है कि बच्चों को कम से कम 5वी क्लास तक मातृभाषा में पढ़ाना अनिवार्य होना चाहिए |
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इसके साथ ही शुरूआत से ही बच्चों को तीन भारतीय भाषाओं का ज्ञान देना आवश्यक होना चाहिए। इसके अलावा अगर विदेशी भाषा भी पढ़नी है तो इसे चौथी भाषा के रूप में किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी इसके पहले शुरूआत से प्राइमरी की पढ़ाई मातृभाषा में ही कराने की मांग करते हुए नजर आता रहा है। संघ से संबंधित लगभग ज्यादातर स्कूलों में ऐसा किया भी जा रहा है।
नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत यह बताया गया है कि बच्चों को प्री-प्राइमरी से लेकर पांचवीं तक या आठवीं तक मातृभाषा में ही पढ़ाना चाहिए। प्री-स्कूल और पहली क्लास में बच्चों को तीन भारतीय भाषाओं के बारे में भी पढ़ाना जरूरी बताया गया है |
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