लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन पर भाषण, कोट्स, निबंध

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कल देश गांधी जयंती के साथ भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मना रहा है। सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले शास्त्री जी एक शांत चित्त व्यक्तित्व भी थे। 2 अक्टूबर के दिन भारत के दो ऐसे महान सपूतों का जन्मदिन मनाया जाता है, जिन्होंने अपने महान कर्मों से पूरे हिंदुस्तान को अपना कर्जदार बना लिया। हम बात कर रहे हैं बापू महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की। देश की स्वतंत्रता में बापू के अहिंसक संघर्ष का महत्वपूर्ण योगदान है, तो वहीं भारत को ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने इस योगदान को व्यर्थ नहीं होने दिया है|

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लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन पर भाषण

लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वह गांधी जी के विचारों और जीवनशैली से बेहद प्रेरित थे, उन्होने गांधी जी के असहयोग आंदोलन के समय देश सेवा का व्रत लिया था और देश की राजनीति में कूद पड़े थे।

लाल बहादुर शास्त्री जाति प्रथा के घोर विरोधी थे, इसलिए उन्होने अपने नाम के साथ अपना उपनाम लगाना छोड़ दिया था| उनके नाम के साथ जुड़ा ‘शास्त्री’ काशी विद्यापीठ द्वारा दी गई उपाधि है। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होने 2 साल तक काम किया। उनका प्रधानमंत्रित्व काल 9 जून 1964 से 11जनवरी 1966 तक रहा।

बापू के आदर्शों पर चलने वाले लाल बहादुर ने उस समय अपना नाम सुनहरे शब्दों में अंकित कर लिया| जब देश के कई हिस्सों में भयानक अकाल पड़ा था। उस समय शास्त्री जी ने देश के सभी लोगों को खाना मिल सके, इसके लिए सभी देशवासियों से हफ्ते में 1 दिन व्रत रखने की अपील की थी। आज सशरीर शास्त्री हमारे बीच नहीं है,  लेकिन उनके आदर्श हमारे बीच में जिंदा है…इसलिए वो ना होकर भी हमारे बीच मौजूद हैं।

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शास्त्री जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ जिसमें शास्त्री जी ने विषम परिस्थितियों में देश को संभाले रखा। सेना के जवानों और किसानों महत्व बताने के लिए उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा भी दिया। 11 जनवरी 1966 को शास्त्री की मौत ताशकंद समझौत के दौरान रहस्यमय तरीके से हो गई थी।

लाल बहादुर शास्त्री के कोट्स (Lal Bahadur Shastri Quotes in Hindi)

1.देश की तरक्की के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाये  गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।

2.यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।

3.हम खुद के के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।

4.हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगो में एकता स्थापित करना।

5.कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरक़रार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने।

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