मार्च का आगाज हो चुका है, बात दें कि मार्च महीने की पहली ही तरीख को बेहतरीन मूवी लुका छुप्पी रिलीज हो रही है | यह लिव इन रिलेशनशिप पर आधारित है | भले ही हमारे क़ानून लिव इन रिलेशनशिप के लिए मान्यता दे दी हो लेकिन अभी हमारा समाज इसे अच्छी नजर से नहीं देखता है | आज भी हमारे समाज के लोगों के लिए शादी ही एक पवित्र बंधन है | वहीं इन बदलती हुई सोच में कुछ लोग अपने जीवन-साथी के साथ उम्र भर रहने के लिए उन्हें अच्छे से जांचना और परखना चाहते हैं |
फ़िल्म की कहानी
इस फ़िल्म में ऐसे ही दो अलग सोच रखनेवाले किरदारों को शामिल किया गया है, ‘गुड्डू और रश्मि’ | फ़िल्म की कहानी गुड्डू माथुर की रहती है जो मथुरा जैसे छोटे से शहर में रहता है जहां गुड्डू एक लोकल टेलीविजन का स्टार रिपोर्टर होता है। वहीं रश्मि एक राजनीतिक दल और संस्कृति ग्रुप के सर्वेसर्वा त्रिवेदी जी (विनय पाठक) की इकलौती पुत्री होती है, रश्मि दिल्ली से मीडिया की पढ़ाई समाप्त करने के बाद पिता के पास आती है । इसके बाद वह इंटर्नशिप के तहत गुड्डू के टेलीविजन से जुड़ जाती है, फिर गुड्डू को रश्मि से प्यार हो जाता है और रश्मि भी करने लगती हैं | इसके बाद तो कहानी का रुख ही बदल जाता है क्योंकि रश्मि गुड्डू से प्यार तो बहुत करती हैं लेकिन उससे शादी नहीं करना चाहती है वह पहले गुड्डू के साथ लिव इन रिलेशन रहके उसे परखना चाहती है।
वहीं रश्मि के पिता त्रिवेदी जी कट्टर हिंदूवादी और पुरानी सोच वाले होते हैं और जो लोग शादी से पहले लिव इन रिलेशनशिप रखते हैं वो उनकी नजर सबसे बड़े अपराधी होते है | इसके बावजूद भी रश्मि रिलेशनशिप में रहना चाहती हैं लेकिन गुड्डू अपने परिवार वालों और रश्मि के पिता के डर के कारण इससे दूर रहना चाहता है | तभी गुड्डू का दोस्त अब्बास (अपारशक्ति खुराना) तिकड़म लगाकर दोनों को 20 दिन के लिए ग्वालियर से बाहर भेज देता हैं |
दोनों ग्वालियर पहुंचकर एक किराए का मकान लेकर लिव इन करने के बाद शादी का फैसला ले ही लेते हैं, मगर तभी अचानक गुड्डू के भाई का साला बाबूलाल (पंकज त्रिपाठी) की नजर दोनों पर पड़ जाती है और वह उन्हें शादीशुदा समझकर ग्वालियर ले आता है कुछ समय बाद दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो जाते हैं वहीं गुड्डू और रश्मि की मुसीबत और बढ़ जाती है इसके बाद दोनों लुका छुपी कर अलग-अलग से शादी करने की योजना बनाते हैं।
मूवी रिव्यू
इस फिल्म की शुरुवात बहुत ही बेहतरीन मोमेंट्स के साथ होती है। पाठकों की राय से इसके फर्स्ट हाफ में ज्यादा कुछ मजेदार नहीं देखने को मिलेगा लेकिन, सेकंड हाफ में कहानी का रुख बदलते हुए काफी मजेदार टर्न्स और ट्विस्ट देखने को मिलेंगे । फिल्म के फर्स्ट हाफ में गुड्डू और रश्मि के लिव इन के दौरान उन दोनों के घरवालों को कोई खबर नहीं मिलती हैं इससे वो लोग काफी परेशान होते है | हालांकि दर्शकों को इस फ़िल्म में मनोरंजन कॉमेडी सब कुछ देखने को मिलेगा |