मकर संक्रांति 2020 बधाई सन्देश, WhatsApp Facebook Status And Images हिंदी में

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पूरे भारत में मकर संक्रांति का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है, यह हिन्दू धर्म के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक माना जाता है | इस वर्ष यह पर्व ज्योतिषीय गणना के अनुसार 15 जनवरी दिन बुधवार को मनाया जायेगा | इस वर्ष मकर संक्रांति 2020 में अपने प्रियजनों को मकर संक्रांति के बधाई सन्देश भेजने के साथ WhatsApp और Facebook Status भी Update करें।

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आज के समय में लोग अपने रिश्तेदारों और मित्रों को शुभकामनायें पहुँचाने के लिए WhatsApp, Facebook ,Instagram तथा अन्य सोशल साइट की सहायता लेते हैं। इससे उन्हें साथ होने का महशूस होता है और सभी को ख़ुशी मिलती है और इस तरह से आप अपने सभी चाहने वालों तक अपनी शुभकामनायें पहुंचा सकते हैं।

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मकर संक्रांति 2020 पर बधाई सन्देश और Images

सूरज की राशी बदलेगी,
कुछ का नसीब बदलेगा,
यह साल का पहला पर्व होगा,
जब हम सब मिल कर खुशियाँ मनाएंगे
हैप्पी मकर संक्रांति 2020

ख़ुशी का है यह मौसम,
गुड और टिल का है यह मौसम,
पतंग उड़ाने का है यह मौसम,
शांति और समृद्धि का है यह मौसम

हो आपके जीवन में खुशियाली,
कभी भी न रहे कोई दुख देने वाली पहेली,
सदा खुश रहें आप और आपकी फैमिली,
Happy Makar Sankranti

ठण्ड की इस सुभाह पड़ेगा हमे नहाना,
क्योंकि संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना,
कहीं जगह जगह पतंग है उड़ना,
कहीं गुड कहीं तिल के लड्डू मिल कर है खाना :
मकर संक्रांति की मुबारकां

ठण्ड की इस सुभाह पड़ेगा हमे नहाना,
क्योंकि संक्रांति का पर्व कर देगा मौसम सुहाना,
कहीं जगह जगह पतंग है उड़ना,
कहीं गुड कहीं तिल के लड्डू मिल कर है खाना
Happy Makar Sankranti 2020

टिल हम हैं और गुड आप,
मिठाई हम हैं और मिठास आप,
साल के पहले त्यौहार से हो रही है शुरुवात,
आपको हमारी तरफ से ढेर सारी मुराद

मीठी बोली , मीठी जुबान,
मकर संक्रांति पर यही है पैगाम !
मकर संक्रांति की हार्दिक बधाई |

पूर्णिमा की चाँद,
रंगों की डोली,
चाँद से चांदनी,
खुशियों से भरी हो आपकी , झोली,
मुबारक हो आपको रंग बिरंगी,
पतंगों वाली मकर संक्रांति

तिल पकवानों की मिठास पकवानों में भारियाँ,
पतंगों की तरह आकाश में उड़न पैयाँ,
और अपनी मेहनत से अपने बुलंदिओं को संभाल के राखियाँ

मीठे गुड में मिल गए तिल,
उडी पतंद और खिल गए दिल,
हल पल सुख और हर दिन शांति,
आप सब के लिए लाये मकर संक्रांति

पतंगों वाले आसमान न जाने अब कहाँ विलुप्त हैं,
त्यहारों की खुशबू न जाने कहाँ गुम है,
तिल-गुड़ की मिठाई कहाँ अब लोग खाते हैं,
मकर संक्रान्ति जैसे त्यौहार बस नाम के लिए आते हैं।

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मकर संक्रांति 2020 पर कवितायें

देख पतंगो का दौर ,यादो के पर लग गये।
उडी पतंग नील गगन मे और पेच लड गये।।
पेच लडते लडाते इक हसीं से नैन लड गये।
एकाएक चली पुरवा, और खेल बदल गये ।।
जहाँ करनी थी खींच ,बस वही ढील दे गये।
दिल लगा ना दिलबर मिला, और पेच कट गये ।।
नजर हटी तो जरा सी, कटी पतंग हो गये।
उडान के लिये बने थे, आज आसमां के हो गये।।

आंचल सुनहरा
ओढ़ वसुंधरा
चंचल सविता का
क्षितिज पे फैला
प्रकाश सुनहरा
अनंत ब्रह्मनाद सा
गगन गूंजता
भोर की बेला
नभ नीला सा
लगा दसों दिशा
विहग का पहरा
कलरव करता
सुमधुर मंजुला
बहती नदिया
बजता संगीत सा
जाग्रत करता
सुसुप्त आत्मा
नवसाहस भरता
पतंग मन उड़ता
जागो आ गया
समय स्वागत का
एक नवदिवस का
एक नव अवसर का
मंगल शुभ घड़ी का
करो आरम्भ पुनः
सुनो संदेश देता
मकरसंक्राति की शुभकामना

सूरज ने बदला है कोट
नदिया में लहरें उठ आयी
किरणों ने धरती को चूमा
फसलें सारी मुस्काई
प्रकृति ने संगीत सुनाया
अरमानों ने पतंग सजाई
हरा दुशाला ओढ़े धरती
दुल्हन बनी, शुभ घड़ी है आयी
तिलबुग्गा, गुड़पट्टी जैसी
आपको मीठी मीठी सी बधाई!

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