लोकसभा चुनाव से पहले रिलीज होने वाली फ़िल्म पीएम नरेंद्र मोदी पर रोक लगा दी गई थी| अब आप भी जान लीजिये, कि मोदी की बायोपिक पर चुनाव आयोग की क्या राय है?
बता दें, कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक को चुनाव के बाद रिलीज किए जाने वाले अपने फैसले में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है। वहीं मीडिया के अनुसार, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के कहे जाने पर चुनाव आयोग के अधिकारियों ने इस फिल्म को देखा है। इसके बाद अब उनका मानना है, कि चुनाव के पहले फिल्म रिलीज कर दी जाती है, तो निश्चित रूप से एक पार्टी विशेष को इसका पूरा लाभ प्राप्त हो जाएगा|
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इस फ़िल्म में मोदी को कभी समझौता नहीं करने वाले नेता के तौर पर दिखाया गया है | इस फ़िल्म के रिलीज के लिए चुनाव आयोग अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश कर चुका है। जिसके बाद अब शुक्रवार 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा|
मोदी के बायोपिक पर आयोग ने पहले ही कहा था, कि आचार संहिता के लागू होने के बाद फिल्म की रिलीज न्यायसंगत नहीं है। लोकसभा चुनाव के लिए ऐसी कोई भी प्रचार साम्रगी का इस्तेमाल नही किया जाएगा, जिससे पूरा लाभ एक ही पार्टी को मिले| यदि ऐसा कुछ किया जाता है, तो यह आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा|
फिल्म निर्माताओं ने आयोग के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर कर दी थी| सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर निर्माताओं की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था, कि चुनाव आयोग ने फिल्म देखे बिना ही रिलीज पर रोक लगा दी।
इसके बाद ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने चुनाव आयोग से फिल्म की रिलीज पर फैसला करने से पहले पूरी फिल्म देखने के लिए कहा था और साथ में ही फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर एक रिपोर्ट तैयार करके बंद लिफाफे में कोर्ट में पेश करने के लिए कहा था|
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