आज 13 जून को निर्जला एकादशी मनाई जा रही है| यह वर्ष भर की 24 एकादशियों में से सबसे अधिक महत्वपूर्ण है| इस एकादशी को भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है| इस एकादशी में बिना जल ग्रहण किये व्रत रखा जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है|
ये भी पढ़ें: क्या है घर में पूजा पाठ करने का सही तरीका जिससे सफलता और मनोकामना पूरी हो
शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारंभ: 12 जून शाम 06:27
एकादशी तिथि समाप्त: 13 जून 04:49
निर्जला एकादशी कब होती है?
हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है| इस एकादशी को भीम एकादशी का व्रत भी कहा जाता है|
पूजा विधि
निर्जला एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा होती है| इस व्रत का शुभारम्भ पवित्र नदी में स्नान करने से शुरू किया जाता है| यदि आप नदी में स्नान के लिए नहीं जा पाते है, तो आपको घर में नहाने के बाद ‘ऊँ नमो वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना चाहिए| विष्णु भगवान की पूजा करने में आपको लाल फूलों की माला का प्रयोग करना चाहिए|
माला चढ़ाने के बाद धूप, दीप, नैवेध, फल अर्पित करके विष्णु भगवान की आरती करे| अब आपको 24 घंटे तक जल और अन्न का ग्रहण नहीं करना है| अगले दिन विष्णु जी की पूजा करे इसके बाद अपना व्रत खोले| इस व्रत में दान-दक्षिणा देना शुभ माना जाता है|
महत्व
यह एकादशी वर्ष की 24 एकादशियों में एक है| ज्येष्ठ माह में पड़ने के कारण इसे सबसे पवित्र एकादशी माना जाता है| इसके लिए मान्यता है, कि निर्जला व्रत रखने से सालभर की 24 एकादशियों का फल इसी में मिल जाता है|
ये भी पढ़ें: Vat Purnima Vrat 2019: सावित्री व्रत, पूजा विधि, मुहूर्त समय और सावित्री सत्यवान कथा