केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत नें गरीब सवर्णों को 10 फीसद कोटा से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक कैबिनेट की स्वीकृति प्राप्त होनें के बाद आज लोकसभा में पेश किया गया। विधेयक पेश किये जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे, परन्तु लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी |
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण की स्वीकृति प्रदान की | सूत्रों के अनुसार, यह कोटा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा | सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण प्राप्त नहीं है | यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें अभी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है|
आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्ही लोगो को प्राप्त होगा, जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और 5 एकड़ तक जमीन होगी| सरकार नें गरीब सवर्णो को आरक्षण देने का निर्णय आयोग की रिपोर्ट के आधार पर किया है। सेवानिवृत्त मेजर जनरल एस आर सिन्हा की अध्यक्षता में 2006 में एक आयोग का गठन किया गया था, इसने 22 जुलाई, 2010 को अपनी रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में सामान्य जातियों के गरीब लोगों को भी सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण देने की सिफारिश की गई थी।