Sawan Shivratri 2019 : जानिए कब है सावन शिवरात्रि, शुभ मुहूर्त, पूजा विध‍ि और महत्‍व

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सावन के पवित्र महीने की शुरुवात हो चुकी है| भोलेबाबा के सभी भक्त भोलेबाबा के सोमवार व्रत भी करने लगे हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है, कि इस बार सावन शिवरात्रि कब हैं? बता दें कि सावन शिवरात्रि का हिन्‍दू धर्म में विशेष महत्‍व होता है| वैसे तो हर महीने कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि मनाई जाती है, लेकिन सावन महीने में भी पड़ने वाली शिवरात्रि को विशेष फलदायी माना जाता है| 

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मान्‍यता है कि, फाल्‍गुन महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि की तरह ही सावन शिवरात्रि में भी अक्षय पुण्‍य मिलता है| हिन्‍दू मान्‍यताओं के मुताबिक़, आदि देव भगवान शिव शंकर का दिन सोमवार है और सावन उनकी पूजा का सर्वश्रेष्‍ठ महीना है| मान्‍यता है कि, सावन के महीने में स्वयं भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित पूरे महीने पृथ्वी पर विराजते हैं| यही वजह है, कि सावन शिवरात्रि के दिन भगवान भोले नाथ की विशेष पूजा का विधान है|

जाने कब है सावन शिवरात्रि ?

हिन्‍दू कैलेंडर केमुताबिक, सावन शिवरात्रि हर साल सावन के महीने की कृष्‍ण पक्ष चतुर्दशी को आती है| वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक, हर साल अगस्‍त-सितंबर माह में सावन शिवरात्रि मनाई जाती है, इस बार सावन शिवरात्रि 30 जुलाई को है|

 तिथि और शुभ मुहूर्त 

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 30 जुलाई 2019 को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से 

चतुर्दशी तिथि समाप्त: 31 जुलाई 2018 को  सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक

निशिथ काल पूजा: 31 जुलाई 2019 को दोपहर 12 बजर 06 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक

पारण का समय: 31 जुलाई 2019 को सुबह 05 बजकर 46 मिनट से सुबह 11 बजकर 57 मिनट तक

सावन शिवरात्रि का महत्व  

बता दें कि सावन में शिव भगवान के कांवड़ यात्रा पर और व्रत करने सभी भक्त सावन शिवरात्रि के दिन अपने आराध्‍य भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं और इसी दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करना बेहद पुण्‍यकारी और कल्‍याणकारी होता है| वहीं मान्‍यता है, कि सावन शिवरात्रि के दिन जो भक्‍त सच्‍चे मन से शिव शंकर की पूजा करते हैं| भगवान उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं|

  पूजन विधि 

1.शिवरात्रि के दिन सुबह जल्‍दी स्नान आदि से निवृत्त हो लें 

2.इसके बाद व्रत का संकल्‍प लें 

3.फिर घर के मंदिर या शिवालय जाकर शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गन्‍ने का रस या चीनी का मिश्रण) चढ़ाना चाहिए

4.अब ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हुए शिवलिंग पर एक-एक कर बेल पत्र, फल और फूल चढ़ाने चाहिए

5.मान्‍यता है कि सावन शिवरात्रि पर भोलेनाथ को तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है

6.मनचाहा वर पाने के लिए चने की दाल का भोग लगाने का विधान है 

7.घर में सुख-शांति के लिए धतूरे के पुष्‍प या फल का भोग लगाना चाहिए  

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