अयोध्या जमीन विवाद मामले में एक बार फिर से मध्यस्थता की मांग की गई है, जिससे इसमें अब एक नया मोड़ आता नजर आ रहा है| सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस पूरे मामले में मध्यस्थता की मांग की है| इसके साथ ही इस मामले को लेकर बोर्ड ने मध्यस्थता पैनल के तीन जजों को चिट्ठी भी लिखी है| बता दें कि आज सोमवार 16 सितंबर को इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर सकता है|
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अभी कुछ दिनों पहले ही अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कोर्ट को अपनी कानूनी टीम के क्लर्क को धमकी की जानकारी दी थी| धवन ने कोर्ट से कहा था कि, ऐसे गैर-अनुकूल माहौल में बहस करना मुश्किल हो गया है| इसी के साथ कहा था कि, यूपी में एक मंत्री ने कहा है कि अयोध्या हिंदूओं की है, मंदिर उनका है और सुप्रीम कोर्ट भी उनका है| मैं अवमानना के बाद अवमानना दायर नहीं कर सकता|’
इससे पहले ही उन्होंने 88 साल के व्यक्ति के खिलाफ अवमानना दायर कर दी है| वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, धवन ने कोर्ट को यह भी बताया कि बुधवार को शीर्ष अदालत के परिसर में कुछ लोगों ने उनके लिपिक की पिटाई कर दी थी|’ इसके बाद इस पर CJI रंजन गोगोई ने कहा था कि, कोर्ट के बाहर इस तरह के व्यवहार की निंदा करते हैं| देश में ऐसा नहीं होना चाहिए| हम इस तरह के बयानों को रद्द करते हैं| दोनों पक्ष बिना किसी डर के अपनी दलीलें अदालत के समक्ष रखने के लिए स्वतंत्र हैं|
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