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विश्व ओजोन दिवस आज, जानिए मानव जीवन में इसकी क्या है – अहमियत

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आज 16 सितंबर को दुनिया भर में ओजोन दिवस मनाया जा रहा है| जानकारी देते हुए बता दें कि,  हवा, पानी और सूर्य की किरणें मनुष्य के शरीर के प्रमुख कारक होते हैं, लेकिन जो सूर्य से निकलने वाली किरणों में मौजूद पराबैंगनी किरणें निकलती है, वो मनुष्य के शरीर के लिए काफी घातक होती हैं| ओजोन की परत इन सभी घातक किरणों को सोखने का काम करती है, इसके बाद वो इंसानों के लिए उपयोगी किरणें धरती पर भेजती है, क्योंकि ओजोन की परत पर पृथ्वी के वायुमंडल का 91% से ज्यादा ओजोन गैस मौजूद रहती है|

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ओजोन परत के बिना नहीं है जीवन संभव  

ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत होती है, जिसमें ओजोन गैस की सघनता ज्यादा होती है| ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन बिलकुल भी संभव नहीं होता है, क्योंकि ये परत सूर्य के पराबैंगनी किरणों की 93-99 % मात्रा को सोंख लेती है| पराबैंगनी किरण पृथ्वी पर जीवन के लिए काफी हानिकारक साबित होता है| इन किरणों से मनुष्यों में कैंसर होने की पूरी संभावना होती है|

जानवरों की प्रजनन क्षमता पर भी इस किरण का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| ओजोन (O3) आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस होती है जो वायुमण्डल में बहुत कम मत्रा 0.02% में पाई जाती हैं | समुद्र-तट से 30-32 किमी की ऊंचाई पर इसका 91% हिस्सा एक साथ मिलकर ओजोन की परत का निर्माण क देती है |

विश्व ओज़ोन दिवस 2019 का विषय

इस साल के विश्व ओजोन दिवस का टॉपिक है, ’32 वर्ष और हीलिंग’| सबसे पहले  विश्व ओजोन दिवस साल 1995 में मनाया गया था| इससे पहले  साल 1913 में ओजोन परत की खोज की गई थी| इसकी खोज फ्रांस के वैज्ञानिक फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी| संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 1994 में 16 सितंबर की तारीख को ओजोन परत के संरक्षण के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय ओजोन दिवस’ मनाने का ऐलान कर था और इसी दिन साल 1987 में ओजोन परत के संरक्षण के लिए मॉ्ट्रिरयल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर कराया गया था |

ओजोन परत में छेद की जानकारी

सबसे पहले ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के वैज्ञानिकों ने साल 1985 में अंटार्कटिक के ऊपर ओजोन परत में एक बड़े छेद की खोज की थी| इस खोज में वैज्ञानिकों को पता चला कि, इसके लिए वक्लोरोफ़्लोरोकार्बन (CFC) गैस जिम्मेदार है, इस गैस की खोज 1920 में हुई थी | इस गैस का प्रयोग रेफ्रिज़रेटर, हेयरस्प्रे और डिऑडरेंट बनाने वाले प्रोपेलेंट में अधिकता से होता है |  

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