अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले में शीर्ष अदालत में गुरुवार को सुनवाई हुई| इस दौरान शीर्ष अदालत की तरफ से गठित तीन सदस्यीय पैनल ने अदालत में अपनी रिपोर्ट सौंपी| बता दें, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 11 जुलाई को एक याचिका पर पैनल से यह रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने कमेटी से अब फाइनल रिपोर्ट सौंपने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है| इसके बाद 2 अगस्त को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी,अर्थात इसी दिन सुप्रीम कोर्ट फैसला लेगा, कि इस मामले का समाधान मध्यस्थता से निकाला जाएगा या रोजाना सुनवाई से|
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याचिकाकर्ता ने इससे पहले कहा था, कि मध्यस्थता पैनल से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहा है, इसलिए कोर्ट को जल्द फैसले के लिए रोज सुनवाई पर विचार करना चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा था, कि मध्यस्थता पैनल की स्टेटस रिपोर्ट देखने के बाद ही यह निर्धारित करेंगे, कि अयोध्या मामले की सुनवाई प्रतिदिन की जाए या नहीं।
मध्यस्थता पैनल में आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता और प्रसिद्ध मध्यस्थ श्रीराम पांचू शामिल हैं| इससे पहले अपनी रिपोर्ट के बाद मध्यस्थता पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 अगस्त तक का समय दिया गया था| सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या से लगभग 7 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में मध्यस्थता प्रक्रिया के लिए स्थान का निर्धारण किया था|
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