कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार आज 18 जुलाई को विधानसभा में शक्ति परीक्षण अर्थात फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी| विधानसभा में विश्वासमत को लेकर सुबह लगभग 11 बजे से चर्चा शुरू होगी। हालाँकि 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपनें निर्णय में कहा था, कि 15 बागी विधायकों को सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। सदन में आज विश्वासमत पूरा होनें के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा, कि कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार बनी रहेगी या फिर गिर जाएगी।
जेडीएस और कांग्रेस सरकार के लिए यह बहुत ही संकट का समय है, बागी विधायकों के इस्तीफे पर कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के आर रमेश को फैसला लेना है। यदि स्पीकर 15 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं, तो ऐसे में कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जबकि कांग्रेस के एक विधायक रोशन बेग सदन से निलंबित चल रहे हैं, उनका भी इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। इस तरह कुल मिलाकर कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 224 से घटकर 208 रह जाएगी|
कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार को बहुमत हासिल करने के लिए 105 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी, क्योंकि सभी 15 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने पर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 101 विधायकों का ही समर्थन बचेगा। इस्तीफा मंजूर होने पर कांग्रेस विधायकों की संख्या 79 से घटकर 66 और जेडीएस विधायकों की 37 से घटकर 34 हो जाएगी। ऐसे में सीधे तौर पर इसका सीधा फायदा भाजपा को होने की संभावना है|
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